हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर मे बजट के अभाव में मिड-डे-मिल योजना के सुचारू संचालन पर संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश भर के 30 हजार मिड-डे मिल वर्करों को पिछले चार माह से मासिक मानदेय नहीं मिल पाया है। केंद्र सरकार की ओर से मिड-डे मील का बजट न आने के कारण स्कूलों और वर्करों को मानदेय नहीं मिल पा रहा है। मासिक मानेदय न मिलने वर्करों को घर का खर्च तक निकालना मुश्किल हो गया है। स्कूलों को भी मई के बाद मिड-डे मील का राशन और गैस खरीदने के लिए आने वाली डाइट मनी की राशि जारी नहीं हुई है। शिक्षकों को स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए अपनी जेब से राशन खरीदना पड़ रहा है। कई शिक्षक उधार राशन उठा रहे हैं। बजट कब मिलेगा, अभी तक इसका कोई अनुमान नहीं है। स्कूलों के राशन और गैस के बिल के भुगतान की प्रक्रिया अधर में लटकी है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान नरेश शर्मा, सुरेश, अशोक पठानिया, वीरेंद्र राणा, जीवन कुमार, वरुण ठाकुर, सुनीता बन्याल, विजय लक्ष्मी और ईशा ने कहा कि स्कूलों को मिड-डे मील का बजट समय पर न मिलने से शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार महीने से मिड-डे मील वर्कर बिना मानदेय के कार्य कर रहे हैं। उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से मिड-डे-मील का बजट जारी नहीं किया गया है। जल्द ही मिड-डे मील का बजट जारी होने की उम्मीद है। इससे स्कूलों में विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन और मिड-डे-मील वर्करों का मासिक भुगतान कर दिया जाएगा



































Wonderful web site. Lots of useful info here. I am sending it to several friends ans additionally sharing in delicious. And of course, thank you for your sweat!