मध्य प्रदेश के उज्जैन में इंजीनियरिंग कॉलेज की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना ठंडे बस्ते में जा सकती है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस पर स्टे दे दिया है।मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर की डिविजन बेंच ने उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि को मेडिकल कॉलेज को आवंटित करने वाले राज्य शासन के आदेश पर रोक लगाई। खंडपीठ ने यथास्थिति का आदेश जारी कर राज्य शासन को तलब किया हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज के एल्यूमिनाई एसोसिएशन की ओर से लगाईं गई जनहित याचिका में जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी और जस्टिस ह्रदयेश ने यह आदेश जारी किए हैं। अधिवक्ता अभिनव पी. धनोडक़र के माध्यम से एल्यूमिनाई एसोसिशन ने जनहित याचिका दायर की थी। एसोसिएशन का कहना था कि इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि को मनमाने रूप से राज्य शासन ने मेडिकल कालेज को आवंटित कर दी थी। जबकि उक्त भूमि पर बीस हजार से अधिक वृक्ष लगे हैं। मेडिकल कॉलेज हेतु 25 एकड़ भूमि के होने का प्रावधान हैं। परन्तु राज्य शासन ने नियमों के विपरीत 23 एकड़ भूमि मेडिकल कॉलेज को आवंटित कर दी थी। अधिवक्ता धनोडक़र के तर्कों से सहमत होकर उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किए।