उत्तर प्रदेश के कानपुर में विधायक इरफान सोलंकी ने संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त बांग्लादेशी नागरिक को भलीभांति जानने और उनके स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र दिया था। वह दाऊद इब्राहिम के एक गुर्गे के संपर्क में था। बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान मोहम्मद को डी-कंपनी के गुर्गे मतीन ने दाऊद के लिए काम करने का ऑफर भी दिया था।शहर आने पर विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान से मिले प्रमाणपत्रों की मदद से ही उसने आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाकर देश की नागरिकता ले ली। इस पूरे कनेक्शन का खुलासा करते हुए पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। डॉ. रिजवान को मूलगंज से परिवार समेत गिरफ्तार किया गया था।डॉ. रिजवान ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह वर्ष 2016 में पत्नी व बच्चों के साथ भारत आया था। वीजा खत्म होने पर वह बांग्लादेश वापस लौट गया, लेकिन पत्नी व तीन बच्चे कानपुर में ही रहे। भारत की नागरिकता लेने के लिए उसने विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान से अपनी पत्नी और बच्चों का स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र उनके लेटर पैड पर हासिल किया।इसके बाद उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज हासिल कर लिए। ये दस्तावेज उसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे मतीन के एजेंट नदीम के जरिये बनवाए थे। मतीन से उसकी मुलाकात कोलकाता में होती थी। मामले की जांच में जुटे इंस्पेक्टर सूर्यबली पांडेय इन्हीं बयानों के आधार पर डॉ. रिजवान को कस्टडी रिमांड पर लेकर 24 दिसंबर को कोलकाता अपोलो स्ट्रीट, पार्क स्ट्रीट, संडल स्ट्रीट समेत कई जगहों पर छापा मारा। रिजवान ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि नदीम गैरकानूनी तरीके से दस्तावेज तैयार कर कई लोगों को भारत की नागरिकता दिलवा चुका है। उसके कंप्यूटर में ऐसे कई लोगों की फोटो, फर्जी दस्तावेज और नाम पते भी हैं। उन्हें नागरिकता दिलवाने के लिए बदले में नदीम उनसे मोटी रकम वसूलता था। नदीम के ही कहने पर ही विधायक व पार्षद ने उसके स्थानीय निवासी होने को प्रमाणित किया था।डॉ रिजवान ने बताया था कि मतीन का दाऊद इब्राहिम के भाई से संपर्क है। उसने कहा था कि यदि वह दाऊद के लिए काम करेगा तो उसे मुंह मांगा इनाम मिलेगा। उसे कानपुर में आ़र्डनेंस फैक्टरियों के नक्शे, सेना के बड़े अधिकारियों के नाम व पते, सेना के डिपो की जानकारी और सेना के टैंक लदकर कब जाते हैं, इसकी जानकारी देनी होगी। डॉ. रिजवान के अनुसार पहले तो उसने इसके लिए तैयार हो गया था पर बाद में उसने मना कर दिया।डॉ. रिजवान का दावा था कि मतीन हवाला का काम करता है। उसके कनेक्शन कानपुर सहित विभिन्न शहरों में हैं। उसने कानपुर में नदीम के जरिए कई विदेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दिलवाई है। नागरिकता मिलने के बाद मतीन उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए काम करने के लालच देता है। न मानने पर उन्हें ब्लैकमेल कर आईएसआई का एजेंट बनवाता है। इसके बदले मतीन उनकी आर्थिक मदद करता है।डॉ. रिजवान ने बताया था कि उसका पाकिस्तान, हैदराबाद, बांग्लादेश, दुबई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और राजस्थान में अक्सर आना-जाना लगा रहता था। उसे जब भी बांग्लादेश अथवा कानपुर में परिवार को रुपये भेजने होते थे, तो वह मतीन को बोल देता था। मतीन अपने एजेंटों के जरिए परिवार तक रुपये पहुंचवा देता था। पुलिस अब शहर में छिपे मतीन के एजेंटों की तलाश में जुटी हुई है। डॉ. रिजवान के पकड़े जाने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक आईबी, पुलिस उपाधीक्षक एटीएस, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना, प्रभारी पाक एवं वैदेशिक शाखा, आयकर आयुक्त, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व एडीएस आईबी से उसकी गतिविधियों पर रिपोर्ट मांगी गई थी। साथ ही सेंट्रल फॉर्नर ब्यूरो से रिजवान, पत्नी हिना, बेटी रुखसार और दोनों बेटों की भारत यात्राओं का विवरण मांगा गया था। रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली हैं।


































