राजस्थान मे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीकर के रींगस स्थित खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने श्री खाटू श्याम बाबा की आरती उतारी। वहीं, मंदिर के पुजारियों ने राष्ट्रपति को बाबा की नीली चुनरी ओढ़ाई। राष्ट्रपति मुर्मू के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत भी मौजूद रहीं। राजस्थान विधानसभा की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब सोमवार को विधानसभा का मानसून सत्र सुबह 11 बजे शुरू होगा। प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए इस सत्र की शुरुआत हंगामेदार हो सकती है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के विधायकों को सीख देते हुए कहा कि मैं सभी जनप्रतिनिधियों को गुजारिश करना चाहती हूं चाल, चरित्र के साथ आचार विचार को जनता के इर्द गिर्द रखकर सोचना चाहिए। केवल मैं और मेरा छोड़कर हमारा होना चाहिए। मैं या मेरा सोचने से मेरा, समाज की और राज्य की उन्नति नहीं होगी। इसलिए जनता और राज्य के लिए सोचना चाहिए। मेरा देश, मेरी जनता, मेरे लोग होना चाहिए। मुझे लगता है आप सब समझदार हैं। इसीलिए जनता आपको बार बार चुनकर भेजती है। वर्तमान की जरूरत के हिसाब से नींव बनाने का दायित्व जनता ने जनप्रतिनिधि को दिया है। आप इसे बना सकते हैं। आपके हाथ में हर चीज है। आगे चलकर एक्स वाई जेड ने नहीं किया। लेकिन खुदको पूछना चाहिए कि मैंने क्या किया। जनता ने मुझे दायित्व दिया, हमने मिलकर संगठित रूप में क्या किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- राजस्थान का नाम सुनकर मेरे दिल में ये भावना आती है कि आज यहां राजाओं का राज नहीं लोकतंत्र है। 7 करोड़ से ज्यादा जनता और 200 विधायक हैं। इतना भरोसा आप पर जनता करती है। मुझे लगता है कि भरोसा कायम होना चाहिए। राजस्थान के लोगों की मैं भविष्य की मंगलकामनाएं करती हूं। राजस्थान के विकास के लिए निरंतर कार्य करेंगे और संसदीय गरिमा को आप बढ़ाते रहेंगे इसी विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं। जय हिन्द, जय राजस्थानद्रौपदी मुर्मू ने कहा- ये युग कम्प्युटर युग है, जो मॉर्डन टेक्नोलॉजी से चलता है। पहले एक युग था जब पेपर भी जनप्रतिनिधियों तक नहीं पहुंच पाता था। आज परिवार, समाज, महिलाओं, युवाओं के लिए क्या कर सकते हैं सब दिखता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- मैं सभी माननीयों को कहना चाहती हूं आप सब कितने भाग्यशाली हैं। मुझे बताया गया है इस राज्य की जनसंख्या 7 करोड़ से ज्यादा है। विधानसभा के जनप्रतिनिधि केवल 200 हैं। जनता ने आपको जनप्रतिनिधि के रूप में इस विधानसभा में भेजा। कभी एक बार, दो बार, 4 बार, जिन्दगीभर बार-बार चुनकर इस सभामंडल को सुशोभित करते हैं। जनता आपको कितना प्यार करती है। इसलिए बार बार आप जनप्रतिनिधियों को जनता चुनकर भेजती है। कभी कभी इतने लोग प्रभावित होते हैं कि उनके चाल, चलन, चेहरा, ड्रेस, हाथ में बंधे हुए कलई के धागे को भी वो फॉलो करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि लोग आशा करते हैं कि जिस चीज को लेकर विधायकों को चुना गया है। वो उसकी रक्षा करेंगे। आजादी और प्रियंबल की कुछ पंक्तियां हैं। सामाजिक आजादी, आर्थिक आजादी, शिक्षा लेने की आजादी, ये आजादी कायम रखने का दायित्व जन साधारण ने अपने जनप्रतिनिधि को दिया है।राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा-राजस्थान के उद्यमियों ने सभी जगह अपना प्रभाव जमाया है। आज से 1500 साल पहले संस्कृति महाकवि ने शशिपाल काव्य की रचना की थी। महाकवि से तुलनी होती है। चंद्रवरदायी को हिन्दी महाकाव्य, लिखित पृथ्वीराज रासो को हिन्दी भाषा का पहला महाकाव्य माना जाता है। राजस्थान की मीरा बाई का भक्ति संगीत में योगदान रहा है। महाभारत में आदिवासी समुदाय के ऐसे समुदाय का जिक्र मिलता है जो 5वीं शताब्दी तक रहे।स्वाभिमान के लिए त्याग करने की भावना राजस्थान के लोगों में कूट कूटकर भरी है। यहां के बारे में राजाओ, योग्धाओं, वीरों ने धरती को अपने खून से लाल कर दिया। पृथ्वीराज चौहान, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप जैसे वीर यहां हुए हैं। चित्तौड़गढ़ का विजय स्तम्भ राष्ट्र गौरव का एक जीवित प्रतीक है। महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजा पूंजा के अमर बलिदान की कहानी मेवाड़ का बच्चा बच्चा जानता है। वीर बालक भील ने महाराणा का अनुसरण करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया था। मोतीलाल तेजवान ने जनजाति समाज के लिए एका आंदोलन चलाया था। लंकरपुर की वीरबाला कालीबाई के बारे में सभी देशवासियों की जानकारी होनी चाहिए। महान स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरू मानगढ़ जनसंहार में वीर गति को प्राप्त हुए। राजस्थान समेत देशभर में गोविंद गुरू जी का प्रभाव था। मानगढ़ धाम की गौरव गाथा के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। मुर्मू ने कहा- उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी इस राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। 1948 में मतस्य संघ की स्थापना के साथ इस राज्य की स्थापना का कार्य शुरू हुआ। अजमेर के विलय के साथ सम्पन्न हुआ। विधानसभा का स्वरूप भी सम्पन्न हुआ। 1952 में सभी सामाजिक और भौगोलिक क्षेत्रों से विधायकों की उपस्थिति इस विधानसभा में है। क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है। जैसलमेर के रेगिस्तान से लेकर प्रकृति की छटां दिखाई देती है। जयपुर को यूनोस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है। जयपुर नगर की स्थापना वैदिक आधार पर स्थापित है। जिसमें अन्य शैलियों का भी इस्तेमाल किया है। राष्ट्रपति भवन के निर्माण में लगे अधिकांश पत्थर राजस्थान से ही गए हैं। राजस्थान के अनेक कारीगरों का परिश्रम और कौशल शामिल है, जो राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाता है। राजस्थान की छवि राष्ट्रपति भवन में काम करने वाले और आने वाले सभी लोगों के मन मस्तिष्क पर बनी रहती है। द्रौपदी मुर्मू बोली- राजस्थान का लोकप्रिय गीत पधारो म्हारे देस में अतिथि सत्कार की भावना को यहां के लोगों ने अपने व


































