राजस्थान में बाड़मेर डॉ. रूमा देवी ने कहा कि हमें भी पशुपालन और कृषि की उन्नत तकनीकों की तरफ अग्रसर होना चाहिए। नए रोजगार सर्जन पर भी ध्यान देना चाहिए। अपनी संस्कृति और सभ्यता को साथ में लेकर आगे बढ़ना चाहिए।राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित, सामाजिक कार्यकर्ता और बाड़मेर के घरेलू महिलाओं की कशीदाकारी-हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली फैशन डिजाइनर डॉ. रूमा देवी 3 देशों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और अमेरिका की यात्रा कर स्वदेश लौट आई हैं। राजस्थान लौटने पर बाड़मेर के बलदेव नगर स्थित क्राफ्ट सेंटर में उनका स्वागत और अभिनंदन किया गया।रेगिस्तानी जिले बाड़मेर की मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और फैशन डिजानर रूमा देवी की 3 देशों की यात्रा के बाद हुई घर वापसी पर बाड़मेर में स्वागत-अभिनंदन कार्यक्रम की शुरुआत केहरा राम सणपा, नरसिंह बाकोलिया और ओमाराम गर्ग द्वारा गुरु महिमा गाकर की गई। हारून खान और पार्टी ने मारवाड़ी गीत गाकर स्वागत अभिनंदन किया। वहीं, हस्तशिल्पी बहनों ने भी पारम्परिक रूप से गाए जाने वाले ‘बधावे गीत’ गाकर रूमा का स्वागत किया। इस मौके पर उपस्थित सुगणी देवी, इमरती देवी, हेमलता, परमेश्वरी आदि ने माला पहनाकर और फूल बरसाकर डॉ. रूमा देवी का स्वागत कियाम डॉ रूमा देवी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इन 3 देशों की यात्रा से वहां की संस्कृति, व्यापार-व्यवसाय को समझने का मौका मिला। प्रवासी भारतीयों से मिले स्नेह से मन गदगद हो गया। इंग्लैंड के जीमण में लघु राजस्थान का एहसास हुआ और स्कॉटलैंड में कृषि- पशुपालन की नई तकनीकों के बारे में जानकारी ली। वहीं, अमेरिका के फ्लोरिडा और टेक्सास राज्य में आयोजित कार्यक्रमों में संबोधन दिया। इस यात्रा अनुभव से मैं कहना चाहूंगी कि हमें भी पशुपालन और कृषि की उन्नत तकनीकों की तरफ अग्रसर होना चाहिए। नए रोजगार सर्जन पर भी ध्यान देना चाहिए। अपनी संस्कृति और सभ्यता को साथ में लेकर आगे बढ़ना चाहिए।