उत्तर प्रदेश के झांसी। दस जुलाई से प्रस्तावित बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग लटक सकती है। इसका मुख्य कारण आगरा, अयोध्या और लखनऊ विश्वविद्यालयों में अभी तक स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं होना है। कहा जा रहा है कि इन विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष की मार्कशीट के बिना काउंसलिंग में नहीं बैठ पाएंगे। ऐसे में प्रस्तावित तिथि पर काउंसलिंग होना मुश्किल दिख रहा है। उप्र बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम 30 जून को जारी हो चुका है। परीक्षा में लगभग 4.22 लाख विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे। लेकिन, अब तक काउंसलिंग की तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है। प्रदेश भर में 16 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से अबतक आगरा, अयोध्या और लखनऊ विश्वविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं प्रारंभ ही नहीं हुई हैं। वहीं अन्य कुछ विश्वविद्यालयों में स्नातक की परीक्षाएं चल रही हैं। जिनका मूल्यांकन कार्य और परिणाम जारी होना शेष हैं। ऐसे में 10 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग पर संकट मंडरा रहा है। हालांकि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने सभी विश्वविद्यालयों से परीक्षा संबंधी रिपोर्ट मांगकर शासन को भेजी है। जिसको लेकर विद्यार्थी भी संशय में हैं, काउंसलिंग प्रक्रिया में विलंब होने के कारण नए सत्र प्रारंभ होने में भी देरी होगी। परीक्षाओं के संपन्न न होने के कारण काउंसलिंग प्रक्रिया की तिथि बढ़ाई जा सकती है। बीयू के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि काउंसलिंग प्रक्रिया की तिथि बढ़ाए जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया जाएगा।



































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