उत्तर प्रदेश के कानपुर में महिला समूह के विकास, उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रेरणा संकुल संघ कार्यालय बनाने केंद्र सरकार की योजना में गोलमाल हो गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत 2020 में चार ब्लॉकों में छह कार्यालयों के लिए प्रति कार्यालय 3.5 लाख रुपये से 21 लाख रुपये जारी भी कर दिए गए थे। ये सभी कार्यालय एक साल में बनने थे, लेकिन तीन साल बाद भी सिर्फ तीन कार्यालय ही बने हैं।
बाकी तीन का अता-पता नहीं है। संबंधित अफसरों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि ब्लॉकों को जारी की गई राशि खर्च हो चुकी है। इस संबंध में 2018 केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशालय ने जिले में छह कार्यालयों को नामित किया था। इनमें दो कार्यालय घाटमपुर ब्लॉक में कुष्मांडा प्रेरणा संकुल संघ और विकास प्रेरणा संकुल संघ के नाम से बनने थे। विधनू में मशाल प्रेरणा संकुल संघ और सरसौल प्रधान प्रेरणा संकुल संघ का नाम दिया गया था। पतारा में भी उन्नति व एकता संकुल संघ के नाम से दो कार्यालय शामिल थे।
शासन ने वर्ष 2020 में पांच संघ कार्यालयों के बनाने के लिए 17.50 लाख रुपये 2020 में ही जारी कर दिए, जबकि एक कार्यालय के लिए 3.5 लाख रुपये 2022 में जारी किए गए। इसके बाद सभी संघ कार्यालयों का पैसा संबंधित ब्लॉकों में भेज दिया गया। धनराशि जारी होने के तीन साल बाद घाटमपुर के कुष्मांडा प्रेरणा संकुल संघ, विधनू का मशाल प्रेरणा संघ और पतारा का उन्नति प्रेरणा संघ के कार्यालय तैयार हो सके हैं। वहीं, घाटमपुर और विधनू में एक-एक अन्य कार्यालय और सरसौल में कार्यालयों का कुछ अता-पता नहीं है जबकि इनके लिए ब्लॉकों में भेजी गई धनराशि खर्च भी हो चुकी है।
हैरत की बात यह है कि संबंधित अफसर भी इन कार्यालयों के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं। 2020 से अब तक राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तीन उपायुक्त भी बदल चुके हैं। संकुल संघ कार्यालयों के लिए पहले आई धनराशि की जानकारी नहीं है। इसकी ब्लाकों में जांच कराऊंगी। अगर धनराशि निकाल ली गई होगी, तो संबंधित ब्लॉक मिशन मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई होगी


































