उत्तर प्रदेश के कानपुर मंडल में साढ़े तीन साल की अवधि में 442 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके माहेश्वरी का कहना है कि पुरुष नसबंदी महिलाओं की अपेक्षा बहुत आसान और कम समय में होने वाली प्रक्रिया है। नसबंदी को लेकर पुरुष किसी भी प्रकार का भ्रम न पाले। इसमें किसी प्रकार की हानि नहीं होती है।एनएचएम के मंडलीय प्रबंधक राजन प्रसाद का कहना है कि अभी तक सिर्फ महिलाएं ही नसबंदी के लिए आगे आती थी, लेकिन अब पुरुष भी अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। पिछले साढ़े तीन सालों में 442 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
पुरुष नसबंदी कराने की सुविधा चार दिसंबर तक स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष मनाये जाने वाले पुरूष नसबंदी पखवाड़े का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसमें 21 से 27 नवंबर के बीच लोगों को पुरूष नसबंदी के बारे में जागरूक किया गया है। पखवाड़े के दूसरे चरण में 28 नवंबर से चार दिसंबर तक सुविधा प्रदान की जाएगी । मंडलीय परिवार नियोजन लॉजिस्टिक मैनेजर अर्जुन प्रजापति ने बताया कि कानपुर मंडल में वर्ष 2020-21 में 72, वर्ष 2021-22 में 161, वर्ष 2022-23 में 136 और इस वर्ष अक्टूबर माह तक 73 पुरुषों ने इस सेवा को अपनाया है । पुरुष नसबंदी करवाने पर 3000 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जाते हैं।


































