उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक बार फिर ओवरलोड वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गया। बेशक इस बार ऑटो या ई-रिक्शा नहीं है, लेकिन बरात में प्राइवेट कार किराये पर ले जाई गई थी। सात सवारियों के बैठने की क्षमता वाली कार में 12 लोग सवार थे। बरात जाते समय का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें कार चालक के पास वाली सीट पर दो युवक बैठे नजर आ रहे हैं। पाली के मोहल्ला भगवंतपुर निवासी रामू कार चालक था। वह पाली के ही शाजेब की प्राइवेट कार किराये पर चलाता था। नीरज के परिजनों के मुताबिक शादी में ले जाने के लिए उसने कार बुक कराई थी।
सारे बराती लगभग साढ़े सात बजे निकल गए थे, लेकिन नीरज के चचेरे भाई, दोस्त और चचेरे बहनोई रात में लगभग साढ़े आठ बजे बरात जाने के लिए निकले थे।जाते समय कार में आठ लोग ही थे। इनमें उदयवीर और आकाश जाते समय चालक के पास वाली सीट पर आगे बैठे हुए थे। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि रात में ही पाली वापसी की चाहत में कुछ और लोग कार में सवार हो गए। इसके बाद यही कार हादसे का शिकार हो गई। पाली नगर के मोहल्ला पटियानींव निवासी नीरज की बरात शुक्रवार रात मझिला थाना क्षेत्र के कुसमा गांव गई थी। बरात में नीरज के चचेरे भाई जितेंद्र (35) और आकाश (22), जितेंद्र का पुत्र सिद्धार्थ (6), जितेंद्र के बहनोई किलकिली निवासी जौहरी (40), पाली निवासी नरेंद्र (18), उदयवीर (18), रंजीत (18), परविंद (28), नीरज (17) और दूल्हे की मौसी का बेटा सकरौली निवासी अनिल (24) थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज रफ्तार कार भूपापुरवा मोड़ के पास अचानक अनियंत्रित हो गई और कई बार पलटी खाने के बाद खाई में पलटकर रुक गई। पीछे से दूसरी कार से आ रहे बरातियों ने कार में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश शुरू करने के साथ ही पुलिस को भी जानकारी दी।सभी घायलों को कार से निकलवाकर एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। यहां चिकित्सक ने जितेंद्र, आकाश, सिद्धार्थ, जौहरी और रामू को मृत घोषित कर दिया। बाकी सात घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज हरदोई रेफर कर दिया गया। अर्टिगा कार खंती में गिरने के बाद ऑटोमेटिक लॉक हो गई थी। इसमें फंसे लोग बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे थे,
लेकिन दरवाजे और शीशे नहीं खुल रहे थे। इसी बीच पीछे से बरात में शामिल रामजी और उसके पिता धर्मेंद्र दूसरी कार से पहुंच गए। इन लोगों ने भी कार में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया तब भी खिड़की नहीं खुली। विंडस्क्रीन टूटी थी और उसी से घायलों को बाहर निकाला गया। घटना के दौरान चालक रामू की गर्दन में शीशा घुस गया था, जबकि उदयवीर का बायां हाथ ही शरीर से अलग हो गया था।यहां से भी सभी को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेज दिया गया। ट्रॉमा सेंटर में उदयवीर को भी मृत घोषित कर दिया गया। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है


































