इटावा न्यूज़ उत्तर प्रदेश के इटावा मे किसानों का अनुमान है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पैदावार में कम हो सकती है। यह गिरावट 10 से 15 फीसदी तक हो सकती है। इससे किसान चिंतित हैं। ताखा क्षेत्र में आलू का रकबा करीब 300 हेक्टेयर कम रहा। जनवरी में कई-कई दिन तक धूप न निकलने और लगातार पारा और पाला गिरने से आलू की पैदावार कम होने की आशंका जताई गई है। किसानों का कहना है कि पूरी मेहनत एवं लागत लगाने के बावजूद भी अगर पैदावार अच्छी नहीं मिली तो नुकसान हो सकता है। गत वर्ष एक बीघा क्षेत्रफल में 50 से 60 पैकेट की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार 40 से 50 पैकेट ही निकलने का अनुमान है। वहीं कुछ किसानों का कहना है कि आलू के भाव सही मिले तो पैदावार कम होने पर भी किसान की लागत निकल सकती है।
सहायक बागवानी अधिकारी ब्रजिनेश कुमार ने बताया कि पैदावार कम होने का अनुमान है लेकिन ज्यादा कम नहीं होगा। ऊसराहार निवासी किसान प्रदीप यादव ने बताया कि जनवरी के पूरे महीने कड़ाके की ठंड पड़ने से आलू के पौधे में बढ़त नहीं हुई। इससे कम पैदावार होने का अनुमान है। रुद्रपुर निवासी किसान दीपू गुप्ता ने बताया कि आलू को ठंड से बचाने के लिए आलू की फसल में मेटाएक्सेल दवा का प्रयोग किया गया। इससे पैदावार पर असर दिखा है
नगला लछी निवासी किसान राकेश कश्यप ने बताया कि आलू की फसल में वृद्धि के समय रोग आने से भी ज्यादा नुकसान हुआ है। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ रहा है। दींग निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि कोहरा और पाला के बाद धूप लगने से आलू की फसल रोग की चपेट में आ गई। उपचार किया लेकिन रोग से पैदावार कम निकल रही है।


































