इटावा समाचार उत्तर प्रदेश के इटावा मे बकेवर। कई दिनों से कोहरा बढ़ने से आलू की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आलू में झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। कृषि वैज्ञानिक फसल को नुकसान से बचाने के लिए दवा का छिड़काव करने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय विश्कर्मा ने बताया कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण वातावरण में कोहरे के साथ नमी अधिक हो गई है। कुछ दिनों तक अगर ऐसा ही मौसम रहा तो आलू की फसल में झुलसा रोग लगने लगेगा। रोग लगने पर फसल की पैदावार पर असर पड़ता है।
किसान आशीष पांडेय,अमित, प्रगतिशील किसान खुशीलाल कुशवाहा का कहना है कि कीटनाशक दवा का छिड़काव व सिंचाई कर फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। जनता कालेज के कृषि वैज्ञानिक उद्यान विभाग के प्रभारी डॉ. एके पांडेय ने बताया है कि कोहरे में झुलसा एवं अन्य रोग फैलने की अधिक आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि आलू की झुलसा बीमारी में रोग के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर धब्बे के रूप में शुरू होता है। धब्बा दो से चार दिनों में बहुत तेजी से पूरी फसल पर फैल जाता है। इस बीमारी का असर पौधे के तने के रास्ते आलू के कंदों पर भी जाता है।
इससे आलू सड़ने लगते हैं और फसल बर्बाद हो जाती है। किसानों को प्रतिदिन आलू की फसल का निरीक्षण जरूरी है। फसल में नाइट्रोजन यानी यूरिया का प्रयोग अधिक न करें। घुलनशील सल्फर दो ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें। लक्षण दिखाई देते ही फफूंदी नाशक कॉपर ऑक्सिक्लोराइड तीन ग्राम प्रति लीटर अथवा मैनकोजेब दो ग्राम प्रति लीटर की दर से फसल पर छिड़कें।


































