एटा समाचार उतर प्रदेश के एटा जिला में संगठन के महामंत्री कपिल गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए आयकर अधिनियम 43-बी में संशोधन करते हुए उसकी 43-बी (एच) के द्वारा अधिकतम 45 दिनों के भीतर भुगतान किए जाने की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। जिसका परिस्थितिजन्य में पालन कर पाना संभव नहीं है। सूक्ष्म इकाइयाें को अपने माल का विक्रय करने के लिए बड़ी इकाइयों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। अपने माल को बेचने के लिए व्यापारियों को अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करानी पड़ती हैं। जिससे समयावधि की सीमा के साथ-साथ माल वापसी तक का अनुबंध करना पड़ता है।
व्यापारी को उस माल की बिक्री उधार में करनी पड़ती है। इस कारण भुगतान आने पर ही लघु इकाइयों को भुगतान कर पाता है। साथ ही एमएसएमई के अंतर्गत समयावधि 15 दिन एवं अनुबंध होने की स्थिति में 45 दिनों में भुगतान पूर्ण न होने पर वर्ष के अंत में जो राशि देय रह जाएगी उस वित्तीय वर्ष की आय में जोड़कर आय की गणना की जाएगी। इससे व्यापारियों को अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा। जिससे लघु एवं मध्यम इकाइयों का कारोबार प्रभावित होगा। अध्यक्ष विशन कुमार वार्ष्णेय, चेयरमैन आदित्य मित्तल, सोनू सराफ, कपिल वार्ष्णेय, विवेक जैन आदि मौजूद रहे।


































