उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में अजीतमल। कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से उफनाई यमुना नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। गौहानी कलां में पानी सड़क के ऊपर पानी बह रहा है।कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना की बाढ़ ने 20 से अधिक गांवों में तबाही मचा दी थी। मंगलवार से जलस्तर कुछ कम होना शुरू हुआ और बुधवार को 113.23 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि अभी ये खतरे के निशान से 23 सेमी ऊपर ही है।
बाढ़ से प्रभावित सिकरोड़ी, गौहानी कलां, गौहानी खुर्द, जाजपुर, असेवटा, असेबा, जुहीखा, बडेरा, गूंज, ततारपुर व बबाईंन आदि गांवों में पानी बढ़ने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई थीं। गौहानी कलां मार्ग पर अभी भी शिक्षक, बच्चे व ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं। सिकरोड़ी में बाढ़ से डूबे इटावा संपंर्क मार्ग का पानी निकल गया है। इससे यहां आवागमन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। खेतों में भरा पानी भी कम होना शुरू हो गया है। एसडीएम निखिल राजपूत ने बताया कि यमुना का जलस्तर कम हो रहा है। खतरे की कोई बात नहीं है।
फिर भी तहसील प्रशासन सहित अन्य विभाग के कर्मचारी लगातार गांवों में राहत कार्य कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों को दवा दे रही है। अजीतमल स्वास्थ्य विभाग की टीमें सिकरोड़ी व गौहानी कलां समेत अन्य बाढ़ क्षेत्र के गांवों में पहुंच रही हैं।इससे आवागमन बंद है। यहां नाव चल रही हैं। हालांकि सिकरोड़ी पुल के आगे इटावा मार्ग पर भरा पानी अब कम हो गया।
इससे सिकरोड़ी निवासी बलीराम ने बताया कि अगर दो दिन और पानी बढ़ता रहता, तो गांव में पानी पहुंच सकता था। इससे उन लोगों को गांव से पलायन को मजबूर होना पड़ता, लेकिन पानी कम होने से राहत मिली है। आवागमन सामान्य हो रहा है। स्वास्थ्य टीमों ने गांव पहुंचकर मरीजों की जांच कर दवा बांटी।