औरैया समाचार उत्तर प्रदेश के औरैया मे जिले के सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन मरीजों व उनके तीमारदारों की सैकड़ों की संख्या में भीड़ जुटती है। बावजूद इसके अस्पताल में आग से निपटने के इंतजामों की अनदेखी बनी हुई है। हालत यह है कि अधिकांश अस्पतालों में सिर्फ फायर स्टिंग्यूसर को ही अग्निशमन के पूरे मानक मानते हुए विभाग की ओर से निर्धारित मानकों की अनदेखी की गई है। इस बावत अग्निशमन विभाग की ओर से समय-समय पर अस्पतालों का निरीक्षण कर जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस भेजकर मानकों को पूरा करने को कहा भी गया,
लेकिन इनको पूरा करने को लेकर कोई प्रयास हाेते नहीं दिख रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहार में आग लगने की घटना को लेकर राहत व बचाव की दृष्टि से महज चार फायर स्टिंग्यूसर रखे हैं। अस्पताल की ओर से अभी तक एनओसी नहीं ली गई है। ऐसे में बड़ी बिल्डिंग होने के बाद भी पानी की टंकी व लाइनों का बिछाया जाना जरूरी है। अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि एनओसी अभी नहीं ली गई है। जल्द लेने का प्रयास किया जाएगा। अजीतमल सीएचसी में वर्तमान में पांच फायर स्टिंग्यूसर लगे हुए है। पिछले दिनों 11 और सिलिंडर मिले हैं। जिनमें रिफलिंग होना बाकी है। यहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं। ऐसे में अस्पताल की ओर से अग्निशमन विभाग से एनओसी तक नहीं ली गई है।
वजह मानकों को पूरा नहीं किया गया है। सीएचसी अधीक्षक अवनीश कुमार ने बताया कि एनओसी नहीं है। उच्चाधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की जाएगी। जिला अस्पताल व अछल्दा सीएचसी में हुई आग की घटनाओं के दौरान मानकों को पूरा करने के लिए कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी की ओर से मानकों को पूरा किए जाने को लेकर जबाव में कोई पत्राचार नहीं किया गया है। प्रत्येक अस्पताल में खामियों को जांचा जाने का काम किया जाता है। पूर्व में भी पड़ताल की जा चुकी है। इस बार एनओसी से लेकर अन्य बिंदुओं पर भी काम कराया जाएगा।- तेजवीर सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी
			





















		    











