उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बिधूना। अमृत सरोवर योजना से गांव-गांव जल संरक्षण और हरियाली बढ़ रही है। कूड़े और गंदगी से पटे तालाबों का सौंदर्यीकरण होने से लोग सुबह-शाम की सैर में फीलगुड कर रहे।ग्राम सभा गूरा व असजना के सरोवर को लोग सराहनीय पहल बता रहे हैं। सिरवाया, उसराहा, मसूदपुर व बराहार पंचायतों में बने अमृत सरोवर अब गांव की पहचान बन चुके हैं। जहां पहले गंदगी और जलभराव की समस्या थी। अब वहां तालाब स्वच्छ पानी से भरे हैं। ग्राम प्रधान गूरा शालिनी सिंह का कहना है कि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हर रोज तालाब के आसपास टहलने और व्यायाम करने आते हैं।
उधर, तालाबों के चारों ओर पीपल, नीम, पाकड़, गूलर और अमरूद जैसे पर्यावरण हितैषी पौधे लगाए गए हैं। जिनकी नियमित देखरेख ग्राम पंचायत और ग्रामीण स्वयंसेवकों द्वारा की जा रही है। इससे स्थानीय जलस्तर भी सुधर रहा है और पक्षियों की चहचहाहट लोगों को भी लुभा रही है। बिधूना बीडीओ व मनरेगा डीसी रामदुलार ने बताया कि अमृत सरोवर सिर्फ जलाशय नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन के केंद्र के रूप में विकसित हो गए हैं।
शहर में इन दिनों सुबह-शाम तालाबों के किनारे लोगों की चहलकदमी काफी बढ़ी है। कुदरकोट प्रधान संजय बाथम ने बताया कि अमृत सरोवर मनोरंजन का केंद्र बन गए हैं। बच्चों को झूला, हरे-भरे पेड़-पौधे, सुबह टहलने आने वाले लोगों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा रहे हैं। बिधूना की कई ग्राम पंचायतों में कई अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां ओपन जिम, वॉकिंग ट्रैक, बैठने की बेंच, सोलर लाइट और लैंडस्केपिंग लोगों को लुभा रही है।