उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में अजीतमल। मध्य प्रदेश और राजस्थान में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। बारिश के चलते कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से यूपी में चंबल व यमुना पट्टी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। चंबल नदी के उफनाने से यमुना नदी में भी 24 घंटे के अंतराल में 4 मीटर तक जलस्तर में वृद्धि हुई है। इससे जिले में यमुना किनारे बसे गांवों में खलबली मच गई है। गुरुवार दोपहर तक चंबल का जलस्तर 113.57 मीटर पर पहुंच गया था।कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद इटावा में चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
चंबल इटावा के भरेह में यमुना में मिलती है। इससे चंबल में पानी बढ़ने से यमुना भी उफान पर है। तहसील प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है। साथ ही लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है। बाढ़ राहत चौकी बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकी की स्थापना की है। क्षेत्र के बडेरा, सिकरोड़ी, गोहानी कला, गोहानी खुर्द, असेबटा, ततारपुर कलां, गूंज, जुहीखा, बीजलपुर और खेरा डंडा आदि गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं।चंबल में पानी बढ़ने से यमुना का जलस्तर बढ़ा है। यमुना के किनारे बसे गांव के लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। तहसील के अधिकारियो एवं कर्मचारियों को क्षेत्र में सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं
पड़ोसी राज्यों में हो रही भारी बारिश के कारण राजस्थान के कोटा बैराज से बीते शनिवार को पांच-पांच फिट के दो दरवाजे खोलकर 56 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया था। इसके चलते गुरुवार को चंबल का जलस्तर 105.14 से बढ़कर दोपहर तक 113.57 मीटर हो गया। हालांकि चेतावनी का निशान 119.80 मीटर और खतरे का निशान 120.80 मीटर है। चंबल के उफनाते ही यमुना नदी के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बाढ़ की आशंका से प्रशासन ने भी नदी के किनारे स्थित गांवों में निगरानी बढ़ा दी है।