उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में फफूंद थाने के केशमपुर गांव के पास सेंगुर नदी में अपने तीन बच्चों को डुबोकर मारने वाली हत्यारिन मां प्रियंका को फांसी की सजा होने की खबर गांव बरौआ पहुंची तो उसके वृद्ध पिता व चाची बिलख पड़ीं। गांव के लोगों की भीड़ भी दरवाजे पर इकट्ठा हो गई। फफूंद थाना के गांव बरौआ निवासी प्रमोद कुमार उर्फ भूरे ने अपनी इकलौती पुत्री प्रियंका की शादी इटावा जनपद के लुहिया गांव निवासी अवनीश कुमार से की थी। इससे उसके चार पुत्र हुए। आठ साल बाद पति अवनीश कुमार की करंट से मौत के बाद उसका अपने चचेरे देवर आशीष से प्रेम प्रसंग हो गया तो वह आशीष के साथ आकर औरैया रहने लगी।27 जून की सुबह प्रियंका औरैया से अपने चारों बेटों को ननिहाल चलने की कहकर उन्हें ऑटो पर बैठा लाई। देवरपुर गांव उतरने के बाद लगभग एक किलोमीटर दूर केशमपुर गांव के पास सेंगुर नदी के पुल पर पहुंच गई। बच्चों के साथ पुल से नीचे उतरने के बाद प्रियंका ने बच्चों को कुछ खिलाकर बारी-बारी से उन्हें नदी में डुबोना शुरू कर दिया।
तीन बच्चों को डुबोकर मार दिया लेकिन उसका सबसे बड़ा पुत्र सोनू किसी तरह वहां से भाग निकला। उसने पास के गांव के ग्रामीणों को बताया तो ग्रामीणों की भीड़ नदी पर आती देख प्रियंका वहां से भाग निकली। गुरुवार को न्यायालय ने प्रियंका को फांसी की सजा सुनाई। जानकारी पाकर उसके वृद्ध पिता प्रमोद कुमार बिलख कर रो उठे, वहीं उसे पालने वाली चाची गीता भी रो उठीं। पिता ने बताया कि उसने जो जुर्म किया है, कानून ने उसे इसकी सजा दी है। उन्हें इसका कोई गम नहीं है। घटना के बाद से वह पुत्री से नहीं मिले। कुछ दिन पूर्व जब ज्यादा याद आई तो औरैया न्यायालय में पेशी पर आने के समय वह वहां जरूर पहुंच गए थे। गाड़ी से उतरते समय उसकी झलक देख ली थी।
इकलौती औलाद थी। उससे बहुत प्यार करते थे लेकिन उसके एक कदम ने अब उनकी पुत्री को बहुत दूर कर दिया। बोले कि गरीबी के कारण वह उसकी कोई पैरवी भी नहीं कर पाए। यह कहकर वह बिलख- बिलख कर रो उठे।पुलिस और ग्रामीणों ने पानी में बच्चों की तलाश की। काफी खोजबीन के बाद तीनों बच्चों के शव मिल पाए। मृतक के भाई मनीष ने प्रियंका और उसके प्रेमी आशीष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने हत्यारिन मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है


































