उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के पाता स्टेशन के पास कल एक महिला ने दो मासूमो संग आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन महिला तो बच गयी वही दोनों मासूमो की मौत हो गयी थी बताया जा रहा है कि मूलरूप से कानपुर देहात के गुलई निवासी मान सिंह सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हैं। वह 2012 से अपने परिवार के साथ दिबियापुर के राणानगर में रह रहे हैं। बुधवार शाम घर पर किसी के न होने के दौरान उनकी छोटी बहू नीतू (29) अपने बेटे लल्ला उर्फ प्रज्ज्वल, व बेटी दिव्यांशी के साथ किताबें खरीदने निकली थी।
देर शाम दुकान से लौटे ससुर मान सिंह को बहू व बच्चे घर पर नहीं मिले तो उन्होंने बेटे राघवेंद्र को इसकी जानकारी देने के साथ खोजबीन शुरू की।अछल्दा स्टेशन पर तैनात नीतू के जेठ मानवेंद्र सिंह को खोजबीन के दौरान रात 11:30 बजे पाता स्टेशन पर दो मासूमों की मौत होने व महिला के घायल होने की जानकारी मिली। पाता पहुंचकर मानवेंद्र ने मासूम के शवों की पहचान भतीजे लल्ला व भतीजी दिव्यांशी के रूप में की। अनहोनी पर पिता राघवेंद्र, दादी सरिता, चाचा नागेंद्र बिलखने लगे। राघवेंद्र ने बिलखते हुए कहा कि वह बेटी को अफसर बनाना चाहते थे। नए सत्र पर बेटी का यूकेजी में दाखिला हुआ था, पत्नी बेटी को किताबें दिलाने के लिए घर निकली थी। उसके सपने अब सिर्फ सपने रह गए।बच्चों की मौत के बाद लोगों का कहना है कि मासूम बच्चों को तो अभी मोहल्ले की भी सभी सड़कों की जानकारी नहीं थी।
बच्चों को काल उनकी मां नीतू के साथ घर से आठ किलोमीटर दूर पाता स्टेशन के पास तक खींच ले गया। वहीं, महिला के इस कदम को लेकर लोग तरह- तरह के कयास लगाते रहे। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव घर ले गए तो कोहराम मच गया। देर शाम को सहायल क्षेत्र के अरिंद नदी किनारे परिजनों ने मासूमों का अंतिम संस्कार किया।दिबियापुर (औरैया)। पाता स्टेशन के पूर्वी यार्ड के पास महिला ने अपने बच्चों को ट्रेन के आगे धकेलने के बाद स्वयं आत्महत्या का प्रयास किया। घटना के बाद से लोगों का कहना है कि अबोध मासूमों की मौत उसकी मानसिक बीमार मां को आठ किलोमीटर दूर खींच ले गई। वहां रात में उसके हाथों यह घटना हो गई। हादसे के बाद से महिला के परिजन सदमे में हैं।वह ये नहीं समझ पा रहे है की यह हुआ कैसे है फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है


































