उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में आजादी के अमृत महोत्सव में क्रांतिकारियों की यादें एक बार फिर से ताजा हो गई हैं। अंग्रेजों से जंग लड़ते हुए देवकली के पास 17 स्वतंत्रता सेनानी शहीद हुए थे।देवकली मंदिर में शरण लिए क्रांतिकारियों पर हमला किया था। तब देवकली मंदिर क्षेत्र में कुंवर रूप सिंह, रामप्रसाद पाठक, राजा निरंजन सिंह, लालपुरी गोस्वामी व प्रीतम सिंह आदि रणबांकुरों ने ब्रिटिश सेना से मुकाबला कर उन्हें पीछे खदेड़ दिया था। उन्होंने बताया कि 29 नवंबर को कलेक्टर एओ ह्यूम ने ब्रिटिश सेना की सहायता के लिए अतिरिक्त सैन्य बल भेजा था।
इस दौरान ब्रिटिश सेना से मुकाबला कर खानपुर के राम प्रसाद पाठक अपने 16 साथियों के साथ इस युद्ध में शहीद हो गए थे। हालांकि इस युद्ध में कई अंग्रेज सैनिक भी मारे गए थे। इस शहादत की सूचना अंग्रेज शासकों ने अपने अधिकारियों को पत्र द्वारा दी थी। इस पत्र में रामप्रसाद पाठक को रियल लीडर ऑफ द फील्ड कहकर संबोधित किया गया था।औरैया के क्रांतिवीर और भरेह के कुंवर रूप सिंह, चकरनगर के राजा निरंजन सिंह व खानपुर के राम प्रसाद पाठक की सम्मिलित क्रांतिकारी सेना बनी थी।
इस सेना ने ग्वालियर से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करके आई बटालियन के साथ मिलकर 25 जून 1857 को औरैया व बेला तहसील पर हमला क तहसीलदार बेला की हत्या कर दी थी। बाद में बेला और औरैया तहसीलों को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्त कराया था। 28 नवंबर 1857 को इटावा कलेक्टर एओ ह्यूम ने औरैया क्षेत्र पर दोबारा कंपनी का शासन स्थापित करने के लिए दिलीप नगर के राव जसवंत सिंह, लखना के तहसीलदार ईश्वर सिंह व औरैया के तहसीलदार रामबक्श वैश्य के साथ ब्रिटिश सेना भेजी।


































