बिहार के पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुई जाति आधारित जन-गणना भीम के दौरान अब पटना में पहली प्राथमिक की दर्ज हो रही है। पटना के डीएम ने FIR का आदेश दिया है। आरोप सूचना छिपाना या जानकारी नहीं देने का नहीं, बल्कि गणना के खिलाफ अफवाह फैलाने का है।बिहार में चल रही जाति आधारित जन-गणना से जुड़े एक मामले में एक नागरिक पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश हुआ है। आदेश पटना डीएम का है। इसकी वजह बताई जा रही है कि जन-गणना के बारे में यह शख्स भ्रम फैला रहा है। गणनाकर्मी जाते हैं तो वह शख्स आवास पर रहता नहीं है। संपर्क किए जाने पर गणना में शामिल नहीं होने का बहाना करता है, जबकि दूसरी तरफ खुद ही अलग-अलग माध्यमों से बताता है कि गणनाकर्मी उसका रिकॉर्ड नहीं ले रहे हैं।जिला पदाधिकारी, पटना-सह-नोडल पदाधिकारी, जाति आधारित गणना, 2022-सह-प्रधान गणना पदाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा रविवार को बिहार जाति आधारित गणना, 2022 के द्वितीय चरण में डाटा इंट्री में प्रगति की समीक्षा की गई। इस बैठक में सभी चार्ज पदाधिकारी, प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारीगण तथा कोषांगों के नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा एक-एक कर सभी से प्रगति के बारे में पूछा गया। चार्ज से प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि आज 1,42,827 परिवारों का BIJAGA App पर डाटा इन्ट्री/सिन्क्रोनाइज किया गया। 12 अगस्त, 2023 तक 10,63,040 परिवारों का BIJAGA App पर डाटा इंट्री/सिन्क्रोनाइज किया गया था। इस प्रकार BIJAGA App पर डाटा इंट्री/सिन्क्रोनाइज किए गए परिवारों की अद्यतन संख्या 12,05,867 है जो कुल परिवारों की संख्या 13.69 लाख का 88.1 प्रतिशत है। डीएम डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि ऐप पर डाटा इन्ट्री/सिन्क्रोनाइज कार्य पूर्णता की ओर है। सभी चार्ज पदाधिकारी विशेष रूप से प्रयास कर रहे हैं। एक से दो दिन में शत-प्रतिशत इंट्री कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। सभी संबद्ध पदाधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग एवं बेल्ट्रॉन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल एवं प्रक्रिया का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।


































