उत्तर प्रदेश के कानपुर में इस महीने की शुरुआत से ही गर्मी चरम पर है। शुक्रवार को अधिकतम पारा 42.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, इतना तापमान पिछले 10 वर्षों में आज के दिन कभी नहीं रहा। इससे पहले तापमान वर्ष 2012 में 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसी तरह पांच वर्ष बाद आज के दिन न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों में बिपरजॉय चक्रवात का असर दिखेगा। हालांकि चक्रवात के बावजूद महानगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में गर्मी में कमी आने की संभावना नहीं है। सीएसए मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार दिन में 12 किमी प्रति घंटे के हिसाब से हवा चली। चक्रवात की वजह से अगले तीन दिनों में हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा हो सकती है। बिपरजॉय चक्रवात का असर महानगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में कम होगा। कानपुर-बुंदेलखंड में नुकसान की स्थिति नहीं तेज हवा के बीच हल्की बारिश हो सकती है। डॉ. पांडेय के अनुसार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में चक्रवात को लेकर नुकसान होने जैसी स्थिति नहीं है। यहां आते-आते हवा की गति में काफी कमी आने की उम्मीद है। गर्मी से बेहाल लोगों को राहत मिलने की संभावना है। धूल भरी हवा ने बढ़ाया एक्यूआई 12 किमी प्रति घंटे की धूल भरी हवाओं से महानगर में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से करीब डेढ़ गुना बढ़ गया। अशोक नगर से लेकर पनकी में प्रदूषण की मात्रा 132 एक्यूआई तक पहुंच गई। गुरुदेव टाकीज क्षेत्र के आसपास मात्रा 127, केशवपुरम में 130, पनकी एक में 118, अशोक नगर में 130 और पनकी में 132 एक्यूआई रहा।


































