उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शहर के कन्या प्राथमिक स्कूल भीखमपुर में तो एकल कक्ष में ही पाठशाला चल रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार ने बता रहे हैं कि स्कूलों के जर्जर भवनों को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। इस समस्या को दूर करने के लिए सभी बीईओ को निर्देश भी दिए गए हैं।अजीतमल ब्लॉक के ग्राम टढ़वा रंगिया स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट की बिल्डिंग सत्र 2006-07 में बनी थी, लेकिन छह वर्षो में ही बिल्डिंग के कमरों में लिंटर का प्लास्टर उखड़ गया। सरिया दिखाई देने लगे हैं। बारिश में छतें टपक रही हैं। दीवारों में भी दरारें दौड़ गई हैं। इन सबके बीच पठन-पाठन भी चल रहा है। यहां पर 145 छात्र संख्या है।
प्रधानाध्यापक समेत आठ अध्यापक व एक सहायक है। प्रधानाध्यापक मधुबाला ने बताया कि छह साल से इस जर्जर बिल्डिंग में कक्षाएं चलानी पड़ रही है। कई बार बीआरसी में शिकायती पत्र दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं बीईओ प्रवीन कुमार का कहना है कि उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है।अछल्दा ब्लॉक के जलालपुर फफूंद के मजरा खरगपुर स्थित परिषदीय स्कूल का प्लास्टर भी उखड़कर गिर रहा है। यहां बरामदे की हालत बहुत ही दयनीय है। गिरते प्लास्टर की चपेट में कोई बच्चा न आ जाए इसके लिए बरामदे में बच्चों को जाने से रोका जाता है। प्रधानाध्यापक रजनी गौतम ने बताया कि स्कूल में 50 बच्चे हैं। उच्चाधिकारियों को भवन की समस्या बताई गई है।
प्लास्टर गिरने से बच्चे भयभीत रहते हैं।औरैया। परिषदीय स्कूलों की कई बिल्डिंगें जर्जर हालत में हैं। कहीं पर छतों का प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है तो कहीं पर सरिया तक दिख रही है। स्थिति यह है कि करीब 50 विद्यालय जर्जर हालत में हैं। जिले में परिषदीय स्कूलों की संख्या 1265 है।बारिश के दिनों में इन भवनों में पानी भी टपकता है। इस हालत में बच्चों का पठन-पाठन चल रहा है। नौनिहालों की जान खतरे में है। इससे कई जगह एक सुरक्षित कमरे में ही स्कूल की सभी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।


































