उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पर एक विकलांग युवक, जो कथित तौर पर आर्मी की वर्दी पहनकर और नकली पिस्टल रखकर स्कूली छात्राओं को परेशान करता था हलाकि इसका कोई प्रामाणिक साक्ष्य नहीं है सिवाए जनता के, उसे लोगों ने पकड़ लिया कूट दिया, मुँह काला किया और सर के बाल भी मुड़वा दिए ।
आरोप है कि उसने एक स्कूली छात्रा के साथ छेड़छाड़ (Eve-teasing) की थी। भीड़ ने पहले युवक को रोका, उसकी सिर मुंडवाकर और मुंह काला कर दिया, फिर जमकर पिटाई की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को हिरासत में लिया और छात्रा के बयान पर मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस ने इस मामले में भीड़ के कई लोगों को भी हिरासत में लिया है क्योंकि भीड़ द्वारा किया गया अपमान और मारपीट भी एक आपराधिक कृत्य है।
अब सवाल उठता है कि –
- लड़की से छेड़छाड़ का अपराध किस धारा में आता है और इसकी सजा क्या है?
- भीड़ द्वारा सिर मुंडवाकर, मुंह काला कर पिटाई करना भी अपराध है, तो इसके लिए कौन सी धाराएँ लगती हैं?
- क्या जनता को ऐसे मामलों में खुद सजा देने का अधिकार है?
आइए इसे कानूनी दृष्टि से समझते हैं –
लड़की से छेड़छाड़ (Eve-teasing) – कौन सी धाराएँ और सजा है IPC में ?
लड़की या महिला को छेड़ना, अश्लील इशारे करना, पीछा करना, अश्लील हरकतें करना या धमकाना भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अपराध है।
लागू धाराएँ
- IPC धारा 354 – महिला की इज्जत भंग करने के इरादे से हमला या बल प्रयोग।
- सजा: न्यूनतम 1 साल से लेकर 5 साल तक की सजा और जुर्माना।
- IPC धारा 354A – यौन उत्पीड़न, जिसमें अश्लील टिप्पणी, जबरन छूना, या धमकाना शामिल है।
- सजा: 1 साल से 3 साल तक की सजा + जुर्माना।
- IPC धारा 509 – किसी महिला की मर्यादा का अपमान करना, जैसे गंदी बात कहना, इशारे करना।
- सजा: 3 साल तक की कैद + जुर्माना।
- यदि छात्रा नाबालिग है, तो POCSO Act (Protection of Children from Sexual Offences) की धाराएँ लग सकती हैं, जिनमें और भी कड़ी सजा है।
इसलिए युवक को पुलिस धारा 354, 354A, 509 और संभव हो तो POCSO Act में जेल भेज सकती है।
भीड़ द्वारा सिर मुंडवाकर मुंह काला करना और पिटाई – यह भी अपराध
किसी आरोपी को पकड़कर भीड़ द्वारा सजा देना, बेइज्जती करना, मुंह काला करना, सिर मुंडवाना, मारपीट करना भी कानूनन अपराध है। इसे “mob justice” या “भीड़ द्वारा गैरकानूनी सजा” कहते हैं।
लागू धाराएँ
- IPC धारा 323 – किसी को मारपीट करके चोट पहुँचाना
- सजा: 1 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
- IPC धारा 352 – जानबूझकर हमला या बल प्रयोग करना
- सजा: 3 महीने तक की जेल या ₹500 जुर्माना।
- IPC धारा 500/501 – मानहानि (Defamation) – मुंह काला करना, सार्वजनिक रूप से अपमानित करना।
- सजा: 2 साल तक की जेल + जुर्माना।
- IPC धारा 147, 148, 149 – अवैध भीड़ (unlawful assembly) और हिंसा करना।
- सजा: 6 महीने से 3 साल तक की जेल।
इसका मतलब यह है कि जो लोग भीड़ में शामिल होकर युवक को बेइज्जत कर रहे थे, वे भी जेल जा सकते हैं।
क्या जनता को खुद सजा देने का हक़ है?
❌ नहीं।
भारतीय कानून में किसी भी नागरिक को खुद से आरोपी को सजा देने का अधिकार नहीं है।
- आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंपना चाहिए।
- सजा देने का काम केवल न्यायालय का है।
- भीड़ द्वारा दी गई सजा “लॉ-टेकिंग इन योर हैंड्स” कहलाती है, जो गैरकानूनी है।
अगर जनता खुद फैसला करने लगे तो यह अराजकता (lawlessness) बन जाएगी।
दोनों अपराधों में सजा कैसी होगी?
| अपराध | धारा | सजा |
| स्कूली छात्रा से छेड़छाड़ | IPC 354, 354A, 509, POCSO | 1 से 5 साल तक की जेल + जुर्माना |
| भीड़ द्वारा मुंह काला कर पिटाई | IPC 323, 352, 500, 147-149 | 3 महीने से 3 साल तक की जेल + जुर्माना |
यानी दोनों ही पक्ष कानूनी रूप से दोषी हो सकते हैं –
- युवक को छात्रा से छेड़छाड़ के लिए सजा मिलेगी।
- भीड़ को मारपीट और अपमानजनक कृत्य के लिए सजा मिल सकती है।
| अपराध | लागू धाराएँ | सजा |
| महिला की इज्जत भंग करने के इरादे से हमला | IPC 354 | 1 से 5 साल तक की कैद + जुर्माना |
| यौन उत्पीड़न (छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी) | IPC 354A | 1 से 3 साल तक की कैद + जुर्माना |
| महिला की मर्यादा का अपमान (अश्लील इशारा/बोल) | IPC 509 | 3 साल तक की कैद + जुर्माना |
| अगर लड़की नाबालिग है | POCSO Act | 3 से 7 साल तक की कठोर कैद |
| किसी को मारपीट कर चोट पहुँचाना | IPC 323 | 1 साल तक की कैद या जुर्माना |
| जानबूझकर हमला या बल प्रयोग करना | IPC 352 | 3 महीने तक की कैद या ₹500 जुर्माना |
| सार्वजनिक रूप से अपमानित करना (मुंह काला करना) | IPC 500 (मानहानि) | 2 साल तक की कैद + जुर्माना |
| गैरकानूनी भीड़ इकट्ठा होना | IPC 147, 148, 149 | 6 महीने से 3 साल तक की कैद + जुर्माना |
उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर का मामला यह दिखाता है कि –
✅ लड़की से छेड़छाड़ गंभीर अपराध है, इसके लिए युवक को जेल होनी चाहिए।
✅ लेकिन भीड़ को खुद “न्यायाधीश” बनकर सिर मुंडवाकर मुंह काला करने और पिटाई करने का कानूनी हक़ नहीं है।
✅ ऐसे मामलों में पुलिस को सौंपना चाहिए, ताकि अदालत उचित सजा दे सके।
✅ भीड़ न्याय (mob justice) खुद एक बड़ा अपराध बन जाता है और उसमें शामिल लोग भी दोषी होते हैं।


































