उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 500 से ज्यादा मरीज आते हैं। इसके अलावा ओपीडी में भी हादसों में घायल मरीज बहुतायत में आते हैं। हड्डी टूटने समेत हड्डी से जुड़ी अन्य समस्याओं के मरीज इस फेहरिस्त में शामिल हैं। ऐसे मरीजों को शहर के 50 शैया जिला अस्पताल में उपचार नहीं मिल पा रहा है। हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से लगातार मांग भी भेजी जा रही है। शहर के जिला अस्पताल में एक साल से हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। ऐसे में हड्डी टूटने व इससे जुड़े मरीजों को चिचौली मेडिकल कॉलेज की दौड़ लगानी पड़ रही है। मरीजों को यह परेशानी तब उठानी पड़ रही है, जब जिला अस्पताल में एक्सरे से लेकर प्लास्टर तक की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन डॉक्टर का अभाव मरीजों पर भारी पड़ रहा है।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में दिनभर में 20 से ज्यादा मरीज हादसों के आते हैं। जिनमें हड्डी टूटने जैसे मामले होते हैं। इसके साथ ही घुटनों के दर्द से कराहते बुजुर्ग मरीज भी आते हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ के अभाव में ऐसे मरीज शहर में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पा रहे हैं।ऐसे मरीजों को चिचौली की दौड़ लगानी पड़ रही है। जिला अस्पताल में एक्सरे व प्लास्टर की सुविधा भी है। लेकिन डॉक्टर न होने की वजह हड्डी रोगियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. मंजू सचान ने बताया कि हड्डी की समस्या लेकर आने वाले मरीजों को रेफर किया जा रहा है। हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हो सकी है। लगातार डिमांड भेजी जा रही है। तैनाती सुनिश्चित होने के बाद ही हड्डी रोगियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी।
			





















		    











