कानपुर न्यूज़ उत्तर प्रदेश के कानपुर मे सरकार व पूरे यूपी मे मुफ्त दवाओ का वितरण का अभियान चलाया जा रहा हे इसमे ये नहीं हे की गरीब ही द्वा ले सकते हे हर वर्ग के लोग इसका लाभ ले सकते हे लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा हे ग्रामीणों को इलाज के लिए कुछ दूरी पर इलाज मिल सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर का दर्जा दिया था। वर्तमान में इन आरोग्य मंदिरों की चिकित्सा सेवाएं भगवान भरोसे हैं। हर आरोग्य मंदिर में एक सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर), एक एनएनएम, आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तैनाती की गई थी। वर्तमान में 305 आरोग्य मंदिरों में से 29 में सीएचओ ही नहीं हैं।
लापरवाही इस कदर है कि जीवनरक्षक दवाएं यहां कूड़े के ढेरों में पड़ी रहती हैं। अधिकतर आरोग्य मंदिरों में ताला पड़ा रहता है। कल्याणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत आने वाले रइकेपुर, डूल और लोधर आरोग्य मंदिरों की पड़ताल की, तो यह सच्चाई सामने आई। जर्जर भवन में संचालित रइकेपुर उपकेंद्र में ताला लटका मिला। उपकेंद्र में दरवाजे तक नहीं लगे हैं। यहां पर जीवन रक्षक दवाएं कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं। गांव में रहने वाले राम सिंह ने बताया कि यहां अक्सर ताला ही लटका रहता है। एएनएम और आशा तैनात हैं लेकिन यदा-कदा ही आती हैं।
सीएचओ के बारे में ग्रामीणों से पूछा तो बोले, ऐसे कोई तो यहां तैनात ही नहीं है।,डूल आरोग्य मंदिर में भी ताला लटकता मिला। यहां पर भी सीएचओ की तैनाती नहीं है। स्थानीय लोगो ने बताया कि आशा बहू नीलम हैं, वह गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए आती हैं। ग्रामीण राजीव सिंह ने बताया कि उपकेंद्र में कोई उपचार नहीं होता है। इलाज के लिए प्राइवेट या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर जाना पड़ता है। इस उपकेंद्र पर भी ताला लटकता मिला।
विभाग का कोई भी जिम्मेदार यहां मौजूद नहीं मिला। गांव में रहने वाले अमन ने बताया कि इस उपकेंद्र में कभी कोई डाॅक्टर नहीं आता। इलाज के लिए या तो रइकेपुर में यदि दवाएं कूड़े के ढेर में पड़ी हैं, तो खुद जाकर जांच करूंगा। यहां पर सीएचओ नहीं हैं। एएनएम क्षेत्र में भ्रमण पर रहती हैं। डूल उपकेंद्र सीएचओ और एएनएम नहीं होने की वजह से बंद है। लोधर उपकेंद्र में एक दिन पूर्व ही घाटमपुर से स्थानांतरित होकर आईं सीएचओ ने ज्वाइन किया है। where is kanpur


































