अल्मोड़ा समाचार उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में स्वास्थ्य विभाग ने ऑपरेशन थिएटर (ओटी) तो बना दिए लेकिन डॉक्टर की तैनाती करना भूल गए। इस कारण यहां पर मौजूद मशीन जंग खा रही हैं। इन अस्पताल से तीन लाख लोगों की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित है। गंभीर रोगों के मरीजों को यहां से हायर सेंटर रेफर करना ही मजबूरी बन गया है।जिले के देवालय, देघाट, जैंती, शलंगी, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण और धौलादेवी, सोमेश्वर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। यहां पर लाखों रुपये खर्च कर ऑपरेशन थिएटर भी बनवाए गए हैं। ओटी संचालित करने के लिए बुनियादी जरूरत सर्जन और एनेस्थेटिक (बेहोशी के डॉक्टर) की तैनाती एक भी सीएचसी में नहीं है।
अल्मोड़ा। द्वाराहाट और चौखुटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 10 वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदी गईं थी लेकिन इनके संचालन के लिए यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अब तक नहीं हो सकी है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद ही सृजित नहीं हैं। कोट- नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जन और बेहोशी के डॉक्टर नहीं हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की जिले में कमी है। इनकी नियुक्ति शासन स्तर पर ही संभव है। हालांकि समय-समय पर जिला स्तर से पत्राचार कर मांग की जाती है। -डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा। मौलेखाल(अल्मोड़ा)। सल्ट के आयुर्वेदिक चिकित्सालय आमधार में पांच दिन के अवकाश पर गए एक डॉक्टर दो माह बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं।
स्थानीय लोगों ने मामले की शिकायत जिला आयुर्वेदिक अधिकारी से की। उन्होंने चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा है। आयुर्वेदिक चिकित्सालय आमधार पर क्षेत्र के 15 हजार से अधिक लोगों के उपचार की जिम्मेदारी है। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र भंडारी सहित अन्य स्थानीय लोगों ने जिला आयुर्वेदिक अधिकारी को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि दो माह से अस्पताल में तैनात एकमात्र चिकित्सक अनुपस्थित हैं।
अल्मोड़ा समाचार उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में स्वास्थ्य विभाग ने ऑपरेशन थिएटर (ओटी) तो बना दिए लेकिन डॉक्टर की तैनाती करना भूल गए। इस कारण यहां पर मौजूद मशीन जंग खा रही हैं। इन अस्पताल से तीन लाख लोगों की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित है। गंभीर रोगों के मरीजों को यहां से हायर सेंटर रेफर करना ही मजबूरी बन गया है।जिले के देवालय, देघाट, जैंती, शलंगी, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण और धौलादेवी, सोमेश्वर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। यहां पर लाखों रुपये खर्च कर ऑपरेशन थिएटर भी बनवाए गए हैं। ओटी संचालित करने के लिए बुनियादी जरूरत सर्जन और एनेस्थेटिक (बेहोशी के डॉक्टर) की तैनाती एक भी सीएचसी में नहीं है। अल्मोड़ा। द्वाराहाट और चौखुटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 10 वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदी गईं थी लेकिन इनके संचालन के लिए यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अब तक नहीं हो सकी है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद ही सृजित नहीं हैं। कोट- नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जन और बेहोशी के डॉक्टर नहीं हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की जिले में कमी है। इनकी नियुक्ति शासन स्तर पर ही संभव है। हालांकि समय-समय पर जिला स्तर से पत्राचार कर मांग की जाती है। -डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा। मौलेखाल(अल्मोड़ा)। सल्ट के आयुर्वेदिक चिकित्सालय आमधार में पांच दिन के अवकाश पर गए एक डॉक्टर दो माह बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं। स्थानीय लोगों ने मामले की शिकायत जिला आयुर्वेदिक अधिकारी से की। उन्होंने चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा है। आयुर्वेदिक चिकित्सालय आमधार पर क्षेत्र के 15 हजार से अधिक लोगों के उपचार की जिम्मेदारी है। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र भंडारी सहित अन्य स्थानीय लोगों ने जिला आयुर्वेदिक अधिकारी को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि दो माह से अस्पताल में तैनात एकमात्र चिकित्सक अनुपस्थित हैं।
			





















		    










