उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में व् यूपी के सभी जिलों से लोग कश्मीर घूमने गए हुए थे जो लोग पहलगाम में थे वो हादसे का शिकार हो गए जो लोग नहीं पहुंचे थे पहलगाम उनकी ही जान बच सकी लोगो में डर का माहौल है लोहित एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी से यात्रा कर बृहस्पतिवार को लखनऊ पहुंचे राघवेंद्र शुक्ल व बलवंत सिंह ने बताया कि जम्मू में माता वैष्णो के दर्शन के बाद श्रीनगर, सोनमार्ग, गुलमर्ग, अनंतनाग, पहलगाम जाने का प्लान था। आतंकी हमले के बाद हमने वापस लौटने का फैसला किया। सभी जगह होटलों और टैक्सी की एडवांस बुकिंग थी। न जाने से काफी रुपयों का नुकसान हुआ। खुशी इस बात की हे कि हम सुरक्षित वापस लौट आए हैं।
जम्मूतवी कोलकाता एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी में यात्रा कर लखनऊ पहुंचे पैसेंजर सुमित चटर्जी ने अपनी आपबीती कुछ यूं ही सुनाई। वह मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले हैं। अपने परिजनों के साथ चार दिन पहले घूमने के लिए कश्मीर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पहलगाम की खूबसूरती के बारे में काफी कुछ पढ़ा था। लिहाजा यात्रा के दौरान पहलगाम जाने का भी प्लान बनाया। ये संयोग था कि हमें रास्ते में देर हो गई। यदि हम पहलगाम पहुंच गए होते तो शायद हम अब जिंदा न होते। यह कहते हुए सुमित भावुक भी हो जाते हैं।
सुमित के साथ ट्रेन में मौजूद विजय प्रकाश चौरसिया ने बताया कि होटल वाले ने हमें बहुत हौसला दिया और वापसी के लिए बहुत मदद की। उसने ही टैक्सी करवाई और हम सुरक्षित श्रीनगर तक पहुंच सके। आतंकी हमले के बाद स्थानीय लोग भी डरे हुए थे।जन्मू कश्मीर से लौटे पर्यटकों ने पहलगाम हमले पर बात की। उन्होंने कहा कि रास्ते में देर होने के कारण वह पहलगाम नहीं पहुंच सके और जिंदा बच गए। कहा कि हमले के बाद हम लोग डरे हुए थे।