उत्तर प्रदेश के कन्नौज ज़िले मे एक ऐसी घटना सामने आई हे एक व्यक्ति की मौत हो जाती हे घर मे किसी को पता ही नहीं चलता हे शहर के गैस गोदाम क्रॉसिंग स्थित गैस एजेंसी संचालक रहे रामप्रकाश व्यास शहर के नामचीन लोगों में शुमार थे। परिवार भी संपन्न है। रामप्रकाश के निधन के बाद से परिवार सदमे में आ गया। उनकी चार बेटियां व दो बेटे हैं। एक बेटी की शादी उन्होंने अपने हाथों से की, जबकि दूसरी बेटी की शादी उनकी मौत के बाद हुई। दो बेटों और दो बेटियों की शादी अभी नहीं हुई। विजय, शिवम, अलीशा व पूजा अब इसी घर में रहते हैं। तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर की दुकानें किराए पर उठी हुई हैं। पहली मंजिल पर बहनें रहती हैं। विजय दूसरी मंजिल पर रहता था। ऊपरी मंजिल पर घर का सामान है। पिता की गैस एजेंसी का संचालन दोनों बेटियां ही करती हैं। विजय का कारोबार से कोई वास्ता नहीं था। छोटा भाई शिवम एक हादसे में चोट लगने से दिव्यांग हो गया है। कारोबार में दखल न होने से वह घर में दूसरे भाई-बहन से अलग ही रहता था। उसका कमरा ही उसकी दुनिया थी पूरे दिन उसी कमरे में रहता था। कई बार तो कई-कई दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकलता था। ऐसे में इस बार भी जब वह कई दिन तक बाहर नहीं निकला, तो किसी का ध्यान नहीं गया जिस कमरे को विजय ने दुनिया बना रखा था, उसी में उसका शव पड़ा मिला। वह बिस्तर पर पेट के बल लेटा हुआ था। शरीर पर कंबल पड़ा था। पास ही रखे स्टूल पर मोबाइल थे। बेड के नीचे पैर की साइड में फर्श पर खून पड़ा था। नीचे टीवी का रिमोट कंट्रोल भी गिरा था। पिता के निधन के बाद से ही विजय अकेला रहने लगा था। वह अक्सर अपने कमरे में ही रहता था लोग कलाई की नस काटने को मौत की वजह बता रहे हैं, तो कुछ उसने कोई दवा खा ली होगी। हाथ की नस कटी होती, तो खून बेड के पास सिर वाले हिस्से के आसपास होता। कंबल पड़ा होने से मालूम हो रहा था कि वह सो रहा है। कंबल हटाते ही उसका गला हुआ शव मिला, जिसमें कीड़े रेंग रहे थे। आज के दौर मे इंसान इतना व्यस्त हो गया हे की अपने आस पास क्या हो रहा हे कुछ पता ही नहीं चलता हे


































