उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में गोकुल बैराज से बृहस्पतिवार को 97 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आगरा में उफान पर आई यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद शुक्रवार को और बढ़ा गया। शुक्रवार को यमुना का जलस्तर 496.3 फीट पहुंच गया। वहीं, शुक्रवार को भी गोकुल बैराज से 88 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद प्रशासनिक अमले ने करीब 15 क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित होने की आशंका के चलते तैयारी कर ली है।
शनिवार को जिले के ग्राम तनौरा, नूरपुर, कैलाश, स्वामी बाग, नगला बूढी, अमर विहार दयालबाग, मोती महल, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, यमुना किनारा रोड वेदान्त मन्दिर से फोर्ट और तहसील फतेहाबाद में ग्राम भरापुर बमरौली, ईदौन, भडायना, भेवीकलों, गुडा मेवली खुर्द, हिमायूपुर आदि ग्राम प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इन क्षेत्रों के लोग राशन कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड जैसे जरूरी कागजात वॉटरफूफ बैग में रखें। साथ ही क्लोरिन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाइयां प्राथमिक उपचार किट में रखकर सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रख लें।
अपर जिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने कहा कि तहसील के राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं।उन्होंने बताया कि निर्माण विभाग के अभियंता को भी आपात स्थिति में तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निगम ने अपने सभी शेल्टर होम को तैयार कर लिया है ताकि वहां जरूरत पर लोगों को शरण दी जा सके। एसएफआई एपीडेमिक को कंजरवेंसी स्टोर में संक्रामक रोग नियंत्रण संबंधी दवाओं का पर्याप्त स्टोर रखने और पानी निकासी के लिए पंप तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए नगर निगम प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। संभावित खतरे को भांपते हुए निगम ने बाढ़ संभावित 14 स्थान पर सफाई नायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपर नगर आयुक्त शिशिर कुमार ने बताया कि घाटों पर दो-दो कर्मचारियों को शिफ्ट वाइज तैनात किया गया है।