उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के नवाबगंज में किशोरी और उसके पिता को चौकी बुलाकर पीटने और अपमानित करने के आरोपी चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर एएसपी ने कार्रवाई की है। दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। नवागंज कस्बे के एक मोहल्ला निवासी 16 वर्षीय किशोरी से मोहल्ले का ही एक युवक छेड़छाड़ करता है। दो महीने पहले पीड़िता के पिता ने तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करते हुए दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया। कार्रवाई न होने से आरोपी युवक के हौसले बढ़े और उसने किशोरी का घर से निकलना मुश्किल कर दिया। इसी मामले में पीड़िता के पिता ने कई बार शिकायत भी की थी। मंगलवार शाम को नवाबगंज कस्बा चौकी इंचार्ज राजेश मिश्रा ने पहले किशोरी के पिता को चौकी बुलाया और पीटते हुए बेटी को समझाने की हिदायत दी। इसके बाद पिता से फोन कराकर किशोरी को चौकी बुलवाया। बेटी अपनी मां के साथ चौकी पहुंची तो इंचार्ज ने उनके साथ भी अभद्रता की। महिला सिपाहियों से उसे पट्टे से पिटवाया। करीब दो घंटे बाद चौकी इंचार्ज ने उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया। माता-पिता से अभद्रता और और उनके सामने हुए अपमान से आहत किशोरी ने उसी रात करीब नौ बजे घर में फंदा लगा लिया। गंभीर हालत में उसका कानपुर हैलट में इलाज चल रहा है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने हसनगंज सीओ दीपक कुमार को जांच के निर्देश दिए थे। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। आदेश मिलते ही अजगैन कोतवाली प्रभारी वीके मिश्रा ने पुलिस लाइन के लिए रिलीव भी कर दिया। आरोपी दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। कानपुर हैलट में भर्ती किशोरी तीन दिन से नहीं बोली किशोरी की तीसरे दिन भी हालत में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। वह अभी भी बोल नहीं पा रही है। गुरुवार को डॉक्टरों ने एमआरआई कराई है। डॉक्टरों के अनुसार किशोरी की हालत अब पहले से बेहतर है। हैलट में बेटी की देखभाल कर रहे पिता ने फोन पर बताया कि दरोगा को लाइन हाजिर कर देने भर से उसकी बिटिया को इंसाफ नहीं मिलेगा। अगर बेटी मर जाती तब वह क्या करता। अभी तो बेटी के ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी मिलने का इंतजार है। इस दौरान आरोपी युवक व पुलिस कर्मियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वह पुलिस के उच्चाधिकारियों के पास भी जाएगा। लाइन हाजिर किए गए चौकी इंचार्ज राजेश मिश्र हमेशा चर्चा में रहे। उनकी इसी तरह की हरकतों के चलते निकाय चुनाव संपन्न कराने तक नवाबगंज चौकी इंचार्ज का प्रभार इंस्पेक्टर दुर्गादत्त सिंह को सौंप दिया था। चुनाव के बाद फिर इन्हें चौकी प्रभारी बनाया था।नवाबगंज चौकी इंचार्ज राजेश मिश्रा अपनी मेज के नीचे एक लकड़ी का हत्था लगा पट्टा रखते थे। किसी भी मामले में कोई आरोपी चौकी पहुंचता तो उसे 20 से 25 पट्टे जरूर लगवाते। उनकी पट्टा कार्यशैली की कस्बे में चर्चा रहती थी।किशोरी के मोहल्ले के सभासद बांकेलाल ने बताया कि पीड़ित परिवार उनके घर के सामने ही रहता है। मंगलवार को जब पिता के माध्यम से किशोरी को चौकी बुलाया गया तो और उसकी में के कहने पर वह भी साथ गए थे। चौकी इंचार्ज ने अपने सामने रखी मेज के नीचे से चमड़े का पट्टा निकालकर माता पिता और किशोरी की पिटाई की थी। उनका बर्ताव देखकर वहां से चला आया था। राजेश मिश्र का कार्यकाल चोरियों के लिए मशहूर रहा। उनके कार्यकाल के समय में 20 चोरियां हुईं। इसमें नवाबगंज के शीतल गंज मोहल्ले में सभासद नरेश के घर में हुई 15 लाख की चोरी भी शामिल है। इन चोरियों के खुलासे पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।सांसद साक्षी महाराज ने फोन पर बात करते हुए कहा कि घटना निंदनीय है। पुलिस से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती। बताया कि उन्होंने एसपी को जांच और ठोस कार्रवाई करने की बात कही है। शुक्रवार को वह दिल्ली से उन्नाव पहुंच रहे हैं। तब पुलिस अधिकारियों से आमने-सामने भी बात करेंगे।क्षेत्रीय विधायक ब्रजेश रावत ने बताया कि नवाबगंज चौकी इंचार्ज के खिलाफ अक्सर शिकायतें मिलती थीं। लेकिन इस घटना में तो उन्होंने पराकाष्ठा ही पार कर दी।


































