उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मे महाकुंभ मेले मे रात के समय मौनी अमावस्या के पर्व को लेकर भरी संख्या मे भीड़ उमड़ पड़ी इसी के चलते भगदड़ मच गयी ओर चरो तरफ अफरातफरी का माहौल हो गया बताया जा रहा है प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की जो लोग गिर गए वो उठ नहीं पाये उनके ऊपर से हजारो की भीड़ निकल गयी बुधवार मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाने की बात सामने आ रही है। बचाव कार्य के लिए एंबुलेंस की 40 से अधिक गाड़ियां मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 कॉल्विन अस्पताल स्थित मर्चरी में 31 लाशें पहुंचाई जा चुकी थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
200 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से घायलों और मृतकों को केंद्रीय अस्पताल लाया गया। परिजनों की चीख पुकार से संगम से लेकर महाकुंभ के केंद्रीय चिकित्सालय तक कोहराम मचा रहा। एंबुलेंस के सायरन पूरी रात गूंजते रहे। बेकाबू भीड़ को बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हादसा होना बताया जा रहा है। मौके पर भारी पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल स्नान जारी है। घटना से आक्रोशित अखाड़ों ने अमृत स्नान का बहिष्कार कर दिया है। महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर बड़ा हादसा हो गया।
संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई और इसमें 17 स्नानार्थियों की मौत हो गई। दो दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए। उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मृतकों में सात की पहचान हुई है जो यूपी के साथ बिहार, झारखंड, कोलकाता के रहने वाले हैं। सूत्रों की माने तो मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय कॉल्विन के मोर्चरी पर 31 शव पीएम के लिए लाए गए हैं। इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री जी ने श्रद्धालुओ से संगम नोज तक न जाने की अपील की है जिसको जिस घाट पर जगह मिले वो वही स्नान कर ले यह अपील बढ़ती भीड़ को देखकर की गयी है जिससे मेले मे दोबारा भगदड़ होने से बचा जा सके


































