गोरखपुर समाचार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मे जिला अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष काे अपग्रेड किया जा रहा है। इसे मनी इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) बनाया जाएगा। यहां दो बेड की मिनी आईसीयू खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें एनेस्थेटिस्ट (निश्चेतक) व एक प्रशिक्षित स्टाॅफ नर्स की ड्यूटी रहेगी। ये स्वास्थ्य कर्मी हृदय रोग विशेषज्ञ के पहुंचने तक रोगी को प्राथमिक उपचार देंगे। जिला अस्पताल में अभी तक आईसीयू नहीं है। अब वहां मिनी आईसीयू की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें आईसीयू माॅनिटर व अन्य संसाधन भी उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल के पास तीन एनेस्थेटिस्ट हैं। इनकी ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगती है। आईसीयू बनने के बाद इनकी तैनाती वहीं रहेंगी, जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थियेटर में जाएंगे। आठ स्टाफ नर्सों को एम्स में भेजकर हृदय रोगियों को संभालने के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, ताकि वे हृदय रोग विशेषज्ञ के आने तक रोगी को संभाल सकें और उसका प्राथमिक उपचार कर सकें।
विशेषज्ञ डाॅक्टर के देखने के बाद यदि मामला ज्यादा गंभीर होगा तो रोगी को बीआरडी मेडिकल काॅलेज रेफर किया जाएगा। लेकिन उसके पहले उन्हें दवाएं और ऑक्सीजन उपलब्ध करा दिए जाएंगे, ताकि वह आसानी से मेडिकल काॅलेज पहुंच सके। प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि हृदय रोगियों या दुर्घटना में घायलों काे तत्काल बेहतर प्राथमिक उपचार मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी वार्ड को मिनी आईसीयू जैसा बनाया जा रहा है। वहां माॅनिटर व अन्य संसाधनों की उपलब्धता रहेगी। हेल्थ एटीएम लगवा रहे हैं, ताकि रात को भी तत्काल जांच हो सके। ज्यादा गंभीर होने पर रोगियों को प्राथमिक उपचार देकर बीआरडी मेडिकल काॅलेज के लिए रेफर कर दिया जाएगा।


































