उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में अयाना। जिले की प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित गांव बीझलपुर व फरिहा का निरीक्षण किया। फरिहा गांव के ग्रामीणों ने उनसे कहा कि प्रशासन बाढ़ से प्रभावित होने वाले घरों को ठीक करवाने के लिए हर साल 20 लाख खर्च करता है। उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाया जाए। जिससे बाढ़ के दौरान उन्हें व प्रशासन को बार-बार यह तकलीफ न उठानी पड़े।
प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला व डीएम डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी दोपहर में फरिहा गांव पहुंचे। उन्हें गांव में बना परिषदीय विद्यालय परिसर में कीचड़ भरा होने से बंद मिला। शिक्षक विक्रम पटेल व शिक्षामित्र संजय सिंह अनुपस्थित मिले। जिस पर नाराजगी जाहिर की।
डीएम ने बीईओ को फोन पर मामला बताया। इसके बाद गांव निवासी देवनारायण ने प्रभारी मंत्री व डीएम को बताया कि उनके व पड़ोसियों के 10 घरों के जाने के लिए रास्ता बहुत दयनीय है। उन्हें आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।ग्रामीणों ने बताया कि यमुना नदी में बाढ़ आने से गांव तीन हिस्सों में बंट जाता है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रशासन भी उनकी देखरेख के लिए परेशान होता है। उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पट्टा दिया जाए।
जिससे वह बाढ़ की जद में न आ सकें। इस पर डीएम ने कहा कि दो स्थानों पर लोगों को पट्टा दिया जाना संभव नहीं है। कुछ ग्रामीणों ने ऊंचे स्थान पर स्थित खेत में आवास बना लिए हैं। उन्हें सड़क या चकरोड की परेशानी है तो प्रशासन उसे दूर करवाएगा। बाढ़ के बाद अब स्थिति और भी बदहाल हो गई। इस पर राज्यमंत्री ने ग्राम प्रधान से कहा कि क्या आप गांव में कुछ भी नहीं करवाते हैं।