उत्तर प्रदेश की ब्रजभूमि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही अब आकाश में भी अपना परचम फहराएगी। ब्रजभूमि में फिरोजाबाद जिले की आयुध उपस्कर निर्माणी हजरतपुर में सेना के विशेष कमांडो ऑपरेशन के लिए कृष्णा पैराशूट तैयार किए जाएंगे। इस पैराशूट से कमांडो 30 हजार फीट से सीधे जमीन पर साइलेंट उतर सकता है। दुश्मन की टुकड़ी को देखने के बाद वह इस पैराशूट से वह नेवीगेशन सिस्टम के द्वारा कमांडो नीचे के साथ अपनी डिस्टेंस करीब 15 से 20 किमी हवा से दूर जाकर खुद को सुरक्षित कर सकेगा। कृष्णा पैराशूट तैयार कर नौ सेना के मुख्यालय विशाखापट्टनम में ट्रायल के लिए भेजा गया है। आयुध उपस्कर निर्माणी हजरतपुर के महाप्रबंधक अमित सिंह ने बताया कि ब्रज भूमि में तैयार होने के कारण पैराशूट को कृष्णा पैराशूट नाम दिया गया है। इस पैराशूट का डिजाइन सबसे खास है। यह पैराशूट पूरी तरह साइलेंट मोड पर काम करेगा। इसमें नेविगेशन सिस्टम डवलप है। नेविगेशन सिस्टम में गूगल, मॉनिटर भी साथ होगा। कमांडो जमीन पर उतरने से पहले ही काफी ऊंचाई पर यह देख सकेगा कि दुश्मन की फौज जमीन पर कहां है। खुद को सुरक्षित जगह पर उतारने के लिए वह उस जगह सीधे न उतरकर कंट्रोल मैकेनिज्म के द्वारा हवा में कूदने के बाद कमांडो करीब 15 से 20 किमीं तक हवा में अपने मिशन की ओर सफर तय कर सकता है। इस तरह का सिस्टम अभी तक केवल अमेरिका में बनने वाले पैराशूट में ही उपलब्ध होता था। इस पैराशूट के सहारे कमांडो आसमान से अपने साथ एक चिकित्सक या फिर दूसरे साथी को भी बिना खतरे के जमीन पर उतार सकता है।आयुध उपस्कर निर्माणी के डिप्टी डायरेक्टर ओमवीर तोमर ने बताया कि यह पैराशूट हालो यानि हाई एल्टीट्यूड लो ओपनिंग और हाहो यानि (हाई एल्टीट्यूड हाई ओपनिंग) इन दोनों तकनीक में काम करने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल सेना अपने कॉम्बैट (लड़ाकू) मिशन में कर सकती है।यह पैराशूट आयताकार होते है। फिलहाल नाइन सेल में पैराशूट तैयार किए जाएंगे, इसके बाद इलेवन सेल में पैराशूट को तैयार किया जाएगा। ताकि तकनीकी को बढ़ाया जा सके।


































