उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के पास शनिवार की रात पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। हमलावरों ने वारदात के बाद सरेंडर कर दिया। हमलावरों की पहचान सनी, अरुण और लवलेश तिवारी के रूप में हुई। तीनों हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की।अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था। अतीक पर गोलियां बरसाने वाले लवलेश तिवारी का अंदाज देखकर पुलिस हैरान है।हत्याकांड के बाद शूटर लवलेश तिवारी के पिता का बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि लवलेश का हमसे लेना-देना नहीं था। हत्याकांड से पांच से छह दिन पहले लवलेश बांदा स्थित घर आया था। पहले भी वो कभी-कभी घर आता था। पहले भी वो एक मामले में जेल गया था। लवलेश नशा करता है पुलिस ने तीनों शूटरों से जो बरामदगी दिखाई है, उनमें तीन पिस्टल हैं। मोबाइल के संंबंध में कोई जिक्र नहीं है। सवाल यह है कि आखिर यह कैसे हो सकता है कि कासगंज, बांदा और हमीरपुर जनपदों के रहने वाले शूटरों के पास मोबाइल न हो। वह बिना मोबाइल के प्रयागराज आए हों, इसकी भी संभावना न के बराबर है। हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों के पास मोबाइल तक नहीं था। पुलिस को उनके पास से कोई मोबाइल नहीं मिला है। सवाल यह है कि आखिर मोबाइल नहीं होने के बावजूद उन्हें माफिया भाइयों की लोकेशन आखिर कैसे मिली।पुलिस इसी बात को लेकर परेशान हे पता लगाने की कोशिश कर रही हे


































