उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के घिरोर में गलत इंजेक्श्न से बुखार से पीड़ित 12वीं की छात्रा की मौत के मामले में वीडियो वायरल होने पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संज्ञान लिया है। उप मुख्यमंत्री के आदेश पर अस्पताल को सील करते हुए अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। वहीं,
सीएमओ ने दो सदस्यी जांच टीम गठित की है। घिरोर थाना क्षेत्र के गांव ओय निवासी गिरीश चंद्र की पुत्री भारती (17) को मंगलवार दोपहर बुखार आ गया था। परिजन उसे कस्बा घिरोर में करहल रोड स्थिति राधा स्वामी हॉस्पिटल ले गए थे। यहां डॉक्टरों ने भारती को भर्ती कर लिया। भारती के चाचा प्रवीन कुमार का आरोप है कि उनकी भतीजी भारती को बुखार की दिक्कत होने पर मंगलवार को 12 बजे राधास्वामी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बुधवार दोपहर को महिला चिकत्सक ने गलत इंजेक्शन लगा दिया। इसके चलते उसकी मौत हो गई। मौत होने के पश्चात चिकित्सक व स्टाफ ने भारती का शव बहार निकाल कर सड़क किनारे रख दिया और डॉक्टर व स्टाफ क्लीनिक बंद कर भाग गया। बृहस्पतिवार को मामले का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक महिला और एक पुरुष डॉक्टर जबरन भारती को अस्पताल के बाहर एक बाइक पर बैठा देते हैं। भारती बहन विलाप कर रही है और डॉक्टर उसे बाइक पर ही छोड़कर चले जाते हैं। बाइक पर बैठे ही भारती की मौत हो जाती है। वीडियो वायरल का उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए
जिलाधिकारी और सीएमओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तत्काल सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता ने राधा स्वामी हॉस्पिटल करहल रोड घिरोर का पंजीकरण निरस्त करते हुए हॉस्पिटल को सील करा दिया गया है। वहीं मामले में सीएमओ ने जांच टीम का गठन किया है। सीएमओ ने मामले में एसीएमओ डॉ. संजीव राव बहादुर एसीएमओ, और झोलाछाप के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार को जांच अधिकारी बनाया है। जांच अधिकारियों से तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कस्बा घिरोर में पहुंचकर राधा स्वामी हाॅस्पिटल को सील किया। इस दौरान यहां कुछ मरीज भर्ती थे। भर्ती मरीजों को सीएचसी घिरोर पर शिफ्ट कराया गया। सीएमओ ने कहा कि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही डॉक्टर क्लीनिक से भाग चुके थे। सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि घटना का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो देखकर डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। क्लीनिक का पंजीकरण निरस्त कराते हुए सील करा दिया गया है। जांच टीम का गठन किया गया है। तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।


































