नोएडा समाचार उत्तर प्रदेश के नोएडा में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में अवैध खनन की जांच करने वाली अधिकारियों की संयुक्त समिति की रिपोर्ट को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खारिज कर दिया है। जांच समिति को निरीक्षण में कहीं भी अवैध खनन नहीं मिला। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खनन के दौरान तालाब बनाए गए। इससे वहां सिंचाई करना किसानों के लिए आसान हो गया है। इस रिपोर्ट से नाराज एनजीटी ने अब यूपी के मुख्य सचिव सहित पांच वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर दोबारा रिपोर्ट मांगी है।
एनजीटी के सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी, डॉ. ए सेंथिल वेल ने अपने आदेश में कहा है कि इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट में यह तो कहा गया कि जरूरी अनुमति के साथ खनन हुआ, लेकिन पर्यावरण सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए खनन किया गया, यह रिपोर्ट में नहीं बताया गया है। इन नियमों के अनुपालन पर कुछ भी रिपोर्ट शामिल नहीं है।
एनजीटी ने अब मुख्य सचिव, डीएम जालौन, सदस्य सचिव यूपीपीसीबी, परियोजना निदेशक एनएचएआई झांसी, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी किया है। इन सभी को अपना जवाब एक महीने में एनजीटी में देना होगा। एनजीटी अब 26 फरवरी को इस मामले की फिर से सुनवाई करेगा। पुलिस मामले की जांच कर रही हे
			





















		    











