उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के ज्योतिषाचार्य जी ने बताया है कि होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा इसीलिए होलिका दहन सही समय और शुभ मुहूर्त में करे 13 मार्च यानि गुरुवार को पूर्णमासी है इसी दिन होलिका दहन है फिर उसके एक दिन बाद 14 मार्च को होली खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य ने कहा कि प्रदोष काल में होलिका दहन अत्यंत शुभ माना गया है।फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन की परंपरा है। मान्यता है इस दिन भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए होलिका का विनाश किया था। इस बार होली पर भद्रा का साया रहेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. पूनम वार्ष्णेय का कहना है कि होलिका दहन के लिए 13 मार्च की रात 11:28 से 12:06 बजे तक शुभ मुहूर्त है।ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार 13 मार्च को सुबह 10:36 से रात 11:28 बजे तक भद्रा का प्रभाव पृथ्वी पर रहेगा। इस समय होलिका दहन करना वर्जित है। फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:36 बजे से 14 मार्च 12:24 बजे तक रहेगी। इसलिए प्रदोष काल में होलिका दहन अत्यंत शुभ माना गया है।शुभ मुहूर्त में की गयी पूजा का सही फल मिलता है वैसे भी इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाकर गले लगाते है यह हमारी भारतीय संस्कृति की अनोखी परम्परा है

































