उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में दिबियापुर के मैनपूठ नाले को देख लीजिए। यहां जलनिकासी के लिए पांच किमी. का नाला है, पर चोक नाले का पानी ही खेतों में घुस रहा है।किसानों का आरोप है कि इस नाले पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। कहीं पर इसका पटान कर दिया गया है तो कहीं पर अवैध निर्माण इस कदर हुआ कि नाले का दायरा सिमट गया है। ऐसे में जलनिकासी चौपट हो गई है।
खेत पानी से लबालब हैं। नाले में भी भरा पानी कहीं हरा तो कहीं काला हो गया है। यह स्थिति तब है जबकि हर साल दिबियापुर नगर पंचायत इस नाले की सफाई कराती है। बावजूद इसके समस्या साल दर साल चली आ रही है।सालों से इन गांवों से लेकर दिबियापुर कस्बे तक का बारिश का पानी मैनपूठ नाले से होकर ककराही होते हुए सेंगर नदी की ओर से जाता है। साल 2019 से इस नाले के चोक होने की समस्या खड़ी हो जा रही है। पर्याप्त पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।
सालों से इन गांवों से लेकर दिबियापुर कस्बे तक का बारिश का पानी मैनपूठ नाले से होकर ककराही होते हुए सेंगर नदी की ओर से जाता है। साल 2019 से इस नाले के चोक होने की समस्या खड़ी हो जा रही है। पर्याप्त पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।साल में करीब आठ माह खेत जलमग्न रहते हैं। दिबियापुर कस्बे से सटे घेरा, कैंझरी व जमुहां गांव में साल 2019 से जलभराव का संकट खड़ा है। किसानों का आरोप है कि साल के आठ माह यहां के 200 बीघा खेतों में बारिश का पानी भरा रहता है।


































