उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बिधूना। कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों और बंदरों के उत्पात से लोग परेशान हैं। घरों व रास्ते में लोग इनका शिकार हो रहे हैं। स्थिति यह है कि एक हफ्ते में 253 लोगों को कुत्ते व बंदर हमला कर जख्मी कर चुके हैं।यही हाल बंदरों का है। बंदर घरों की छतों और गलियों में डेरा जमाए रहते हैं। घरों में घुसकर हमला कर देते हैं। एक सप्ताह में सीएचसी में 253 लोग कुत्तों और बंदरों के काटने के बाद इलाज के लिए पहुंचे।कई बार स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को गंभीर चोटें भी आई हैं। यही हाल बंदरों का है, जो गलियों और छतों पर हमला बोलकर सामान छीन लेते हैं।
उधर, नगर पंचायत अध्यक्ष आदर्श मिश्रा ने बताया कि आवारा कुत्ते पकड़वाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर हल निकाला जाएगा। इनमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं। इन्हें रैबीज की वैक्सीन लगानी पड़ी। स्थानीय निवासी राजू सेंगर, अवधेश मिश्रा व आदेश तिवारी का कहना है कि कस्बे और गांव की सड़कों पर दिन-रात झुंड में घूमते कुत्ते राहगीरों को दौड़ाकर काट लेते हैं।
क्षेत्र व कस्बे में सड़कों पर निकलना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बंदरों और कुत्तों का निशाना बन रहे हैं। कस्बे में बाइक सवारों को कुत्ते पीछा कर दौड़ा रहे हैं। बस्तियों में कुत्ते घूम रहे हैं।
			





















		    











