उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में जुलाई 2024 में जिला प्रशासन को मिली शिकायत में कहा गया था कि डीएम के पूर्व ओएसडी राजकुमार ने सदर एसडीएम के स्टेनो रहने के दौरान अपनी पत्नी गीता के नाम जमीन का पट्टा करा लिया था। सुमोटो के तहत यह पट्टा हुआ था। एक माह बाद वैसुंधरा में भी पट्टे कराने का प्रयास किया गया था। मामले में डीएम ने राजकुमार को ओएसडी पद से हटा कर एडीएम कार्यालय में संबद्ध कर दिया था। अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राम औतार ने भी जांच रिपोर्ट में पट्टा आवंटन अवैध पाया था। इसके बाद आवासीय जमीन आवंटन को निरस्त कर दिया गया था। खास बात यह है कि पट्टा मिलते ही सेहुद की इस जमीन को बेचा भी गया था।
इस पर अछल्दा निवासी एक युवक ने मकान भी बना है। बेशकीमती जमीन के हुए इस खुलासे में सरकारी पद पर रहते हुए राजकुमार की पत्नी को यह लाभ दिया गया था। अब पूर्व ओएसडी राजकुमार की आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि सरकारी पद पर रहते हुए उन्होंने करोड़ों की संपत्ति आर्जित कर ली थी। डीएम के पूर्व ओएसडी राजकुमार की नौकरी की शुरुआत साल 2000 से पहले हुई थी। पहले सदर तहसील में स्टेनो और फिर उसके बाद डीएम के ओएसडी बनाए गए थे। तब से वह औरैया में ही तैनात रहे हैं। इतने लंबे कार्यकाल के बीच उन्हें गैर जनपद तबादले को लेकर भी शिकायत हुई। लेकिन उन्हें अन्यत्र भेजा नहीं गया।
औरैया। डीएम के पूर्व ओएसडी राजकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। जांच अपर आयुक्त प्रशासन कानपुर ब्रज मोहन कर रहे हैं। साल 2000 में सदर एसडीएम के स्टेनो रहते हुए उन्होंने पत्नी को जमीन का पट्टा दिलवाया था। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है

































