उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में दिबियापुर में भारत विकास परिषद की ओर से रविवार रात हुए कवि सम्मेलन में कवियों ने बेहतरीन रचनाएं पेश कीं। कार्यक्रम की शुरूआत विधायक गुड़िया कठेरिया व भाजपा जिलाध्यक्ष सर्वेश कठेरिया ने दीप जलाकर की। लखनऊ से आईं कवयित्री शशि श्रेया ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। खंडवा के अकबर ताज ने अपनी कविता सुनाकर वाहवाही लूटी। बरेली के कवि डॉ. विष्णु सक्सेना की रचना हम बदले तो बेवफा, वो बदलें तो मजबूरी है… खूब सराही गई।
कवियों ने शृंगार, ओज, हास्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। कवि कमलेश शर्मा ने जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं, रचना प्रस्तुत की। संचालन कर रहे डॉ. आदित्य जैन ने बेटियों को समर्पित कविता पढ़ीं। अजय अंजाम ने हमें सौगंध है अपना तिरंगा झुक नहीं सकता, सुनाकर सैनिकों को सलामी दी।कवि कमलेश शर्मा ने जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं, रचना प्रस्तुत की। कवि डॉ. विष्णु सक्सेना ने मंदिरों की बनावट का घर है मेरा और हम बदले तो बेवफा, वो बदलें तो मजबूरी है… रचना सुनाई।
इससे पहले नगर पंचायत अध्यक्ष राघव मिश्रा ने सभी कवियों और अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम में आनंद सिंह, प्रचारक अनूप, अनिल दीक्षित, अनुराग त्रिपाठी, अखिलेश कुमार, स्वदेश पोरवाल, कौशल राजपूत, धीरेंद्र सिंह गौर, शिव सिंह भारती, नीरज चौधरी, रजनीश पांडे, सौरभ भूषण शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।संचालन कर रहे डॉ. आदित्य जैन ने बेटियों को समर्पित कविता पढ़ीं। अजय अंजाम ने हमें सौगंध है अपना तिरंगा झुक नहीं सकता, सुनाकर सैनिकों को सलामी दी।


































