उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शहर से पांच किमी दूर यमुना नदी किनारे स्थित देवकली मंदिर जिले की धार्मिक विरासत है। यह मंदिर आजादी के आंदोलनों से लेकर धार्मिक मान्यताओं के केंद्र बिंदु में रहा है। यहां पर हर साल सावन माह में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, धार्मिक आयोजन भी होते हैं। यहां सालों से छांव के इंतजाम को लेकर भक्तों की मांग उठती रही है। बारिश हो या चटक धूप दोनों ही स्थिति में भक्तों को परेशानी उठानी पड़ती है। परिसर खुला होने की वजह से छुट्टा मवेशियों का पहुंचना हो जाता है। यहां पिछले साल पर्यटन विभाग ने आर्किटेक्ट सर्वे कराया था। टीम ने मंदिर को संवारने के लिए रोडमैप तैयार किया।
मंदिर परिसर के चारों ओर बाउंड्री, बच्चों के खेलने व लोगों के बैठने के लिए पार्क, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बड़े हॉल, धार्मिक अनुष्ठान भवन, भंडारे के लिए टिनशेड समेत मूलभूत सुविधाओं को इस प्रस्ताव में शामिल किया गया था। इस प्रस्ताव को शासन में राज्य योजना के तहत भेजा गया था। इसे अब मंजूरी मिल गई है। इन कामों को लेकर पर्यटन विभाग की कार्यदायी संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई है। टेंडर प्रकि्रया पूरी होने के बाद यहां पर काम शुरू कराया जाएगा।अब यहां राज्य योजना में विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग ने टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अगले सावन तक यहां काम पूरा होने की उम्मीद है।देवकली मंदिर को अब भव्यता मिलेगी। मंदिर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए करीब एक करोड़ से काम कराए जाएंगे। पिछले साल पर्यटन विभाग की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।


































