उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में रुनकता में नगला मांगरौल में यमुना किनारे बकरियां चराने गए चार बच्चे नदी में नहाने के दौरान डूब गए। दो बच्चों को एक महिला ने बचा लिया और दो गहरे पानी में समा गए। रविवार सुबह करीब 11 बजे की है। गांव अकबरा के नगला सपेरा निवासी शिशुपाल और प्रेम सिंह के बच्चे सुरजीत (10) और अरुण कुमार उर्फ अन्नू (14) अपने साथियों सोनू और वर्षा के साथ मांगरौल के जंगल में बकरी चरा रहे थे। इसी दौरान चारों यमुना नदी के पच्छिमाई घाट पर नहाने चले गए।पानी गहरा होने के कारण बच्चे डूबने लगे और चीखपुकार मच गई। सोनू और वर्षा को सुरजीत की चाची ने बचा लिया, मगर अरुण व सुरजीत की काफी तलाश करने के बाद भी वह नहीं मिले। सूचना पर डीसीपी सिटी सोनम कुमार, एडीसीपी आदित्य, एसीपी विनायक भोंसले मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दो मोटरबोट मंगाकर बच्चों की तलाश करवाई मगर देर शाम तक उनका पता नहीं चल सका।
बारिश के कारण भी बचाव कार्य में बाधा आई। डीसीपी सिटी ने बताया कि दो बच्चों का पता नहीं चला है। उनकी तलाश करवाई जा रही है। पुलिस और गोताखोरों ने स्टीमर की मदद से उनकी तलाश की लेकिन पता नहीं चल सका। बच्चों को नदी में डूबता देखकर पास में लकड़ी बीन रही मीना मदद की गुहार लगाते हुए नदी में कूद पड़ी। हालांकि उन्हें तैरना नहीं आता है। उन्होंने किसी तरह वर्षा व सोनू को बाहर खींचा। इसी बीच चीखपुकार सुनकर सुरजीत की चाची और राजकुमार ने भी बच्चों को निकालने में मदद की। मासूमों की पीड़ा से दहला गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है।सपेरा बस्ती के शिशुपाल का बेटा सुरजीत चार बहनों में इकलौता था।
करीब सात साल पहले सुरजीत के छोटे भाई मनजीत की घर में रखे टब में डूबकर मौत हो चुकी है। शिशुपाल असोम में मजदूरी करते हैं, जबकि मां गांव में मजदूरी करती है। बेटे के डूबने की खबर सुनकर मां बेहोश हो गई। प्रेम सिंह का बेटा अरुण उर्फ अन्नू छह भाइयों में दूसरे नंबर पर था। वह कक्षा सात का छात्र था। उसकी मां का कई साल पहले देहांत हो चुका है और पिता प्रेम सिंह गांव में मजदूरी करते हैं। घटना के बाद गांव में शोक की लहर है।फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है