उत्तर प्रदेश के`औरैया जिले में बिधूना क्षेत्र में आरआरसी केंद्र बंद होने से कूड़ा उठान भी बंद है। ग्राम पंचायतों में बनाए गए अधिकांश आरआरसी पर ताले लटके हैं। घरों से कूड़ा उठान के लिए खरीदे ई- रिक्शें भी खड़े हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों में कूड़ा उठान ठप है, हालांकि इसके पीछे जिम्मेदार कर्मचारियों की तैनाती न होने का तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि आरआरसी पर कर्मचारी नहीं हैं। ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आरआरसी) बने हैं। चिरूकुआ, बनीना सुखचौनपुर, सराय प्रथम वसई, कल्यानपुर जागू, रुरुखुर्द, पसुआ में केंद्र बंद मिले।
जबकि घरों से कूड़ा उठान के लिए ई-रिक्शा भी खरीदे जा चुके हैं। हर बुधवार को सचिवों की बैठक में चर्चा होती है, लेकिन घर-घर कूड़ा उठाने का अभियान ठहर गया है। कुछ ऐसा ही हाल बेला, रुरुखुर्द, सबहद का भी है। यहां भी वर्ष 2022-23 में आरआरसी बनाए गए थे, लेकिन मौजूदा वक्त में सभी बंद पड़े हैं। बंथरा में वर्ष 2023-2024 में आरआरसी बना, लेकिन अधिकारी इसे चालू करना ही भूल गए।डीपीआरओ श्रीकांत यादव ने बताया कि ब्लॉक बिधूना में जो रिपोर्ट मिली थी कि आरआरसी सेंटर चालू हो गए हैं। अगर ऐसे नहीं है तो जिम्मेदारी तय होगी। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी।


































