उन्नाव समाचार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में चकलवंशी। चकलवंशी-मियागंज मार्ग के गड्ढे भरने में खानापूर्ति की जा रही है। 17 किलोमीटर लंबे मार्ग में सिर्फ तीन किलोमीटर का ही डामरीकरण कराया जा रहा है। वहीं अक्तूबर में हुए पैच वर्क भी भारी वाहनों के आवागमन से ध्वस्त होने लगा है। हाल यह है कि बजरी सड़क पर बिखरने से आए दिन लोग चुटहिल होते हैं। चकलवंशी से मियागंज तक मार्ग पर बड़ी संख्या में गड्ढे हैं। अमर उजाला टीम ने पड़ताल कर 1100 गड्ढों की खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद लोकनिर्माण विभाग ने अक्तूबर में पैच वर्क कराया था।
भारी वाहनों के आवागमन से सड़क उखड़ने लगी। अब जो गड्ढे भरे जा रहे हैं उसमें केवल बजरी का प्रयोग ही किया जा रहा है। वहीं, पीडब्ल्यूडी एक तरफ मात्र तीन किमी में डामरीकरण करा रहा है। जबकि मार्ग की कुल लंबाई 17 किलोमीटर है। स्थानीय रामस्वरूप, अरविंद सरोज, अमित कुमार, बबलू, समसेर आदि ने बताया कि सड़क पर डामर नहीं डाला जा रहा है।
जहां कुछ सही है वहीं पर डामरीकरण कराया जा रहा है। एक्सईएन पीडब्ल्यूडी सुबोध कुमार ने बताया कि 17 किलोमीटर का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें मात्र तीन किलोमीटर का ही बजट अभी मिला है। इसलिए बजट के अनुसार काम शुरू कराया गया है।


































