आगरा रिपोर्टर के अनुसार उत्तर प्रदेश के आगरा में जाली नोटों को तैयार कर अलग-अलग जिलों में खपाने के लिए लेकर जाता था। गैंग के आगरा के ठिकानों पर छापेमारी के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। पुलिस पता कर रही है कि पूर्व में जेल भेजे गए आरोपियों से तो गैंग के तार नहीं जुड़े हैं।गुन्नौर पुलिस ने शनिवार सुबह नरौरा हाईवे किनारे से 1.31 लाख रुपये की जाली करेंसी के साथ अंतरराज्यीय गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
इनमें फिरोजाबाद के थाना रामगढ़ क्षेत्र का सुखवीर उर्फ सोनवीर उर्फ सोनू, हरियाणा का नीरज, बुलंदशहर निवासी राजेंद्र उर्फ राजू, योगेंद्र शर्मा, सचिन, अमरोहा निवासी नरेंद्र और मनोज कुमार हैं। गैंग ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि वह आगरा और फिरोजाबाद में किराया पर कमरा लेते हैं। रंगीन प्रिंटर से सामान्य कागज पर प्रिंट निकालकर नोट तैयार करते हैं। इसके बाद बाजार में खपाने के लिए लेकर जाते हैं। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि नकली नोटों तैयार करने वाला गैंग गुन्नौर में पकड़ा गया है। आरोपियों से पूछताछ के लिए एक टीम को भेजा जाएगा।
गैंग में शामिल अन्य सदस्यों को पकड़ा जाएगा। आगरा में पूर्व में नकली नोट बनाने के मामले में पकड़े गए लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। फिरोजाबाद पुलिस से भी जानकारी जुटाई जाएगी। सितंबर, 2019 में एसटीएफ ने शहीद नगर के एकता पार्क से स्कैनर और प्रिंटर की मदद से स्टांप पेपर पर 100-100 के जाली नोट छापने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को पकड़ा था। वह किराये पर कमरा लेकर डेढ़ साल से काम कर रहे थे।
उनके पास से लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर आदि सामान मिला था। जो नोट बनाते थे, वह उन्हें शराब के ठेकों और ग्रामीण इलाकों में चलाते थे। असली नोटों के बीच नकली नोट दिए जाते थे। इससे लोग फर्क नहीं कर पाते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही हे हम उम्मीद करते हे आपको ये न्यूज़ अच्छी लगेगी
































