उत्तर प्रदेश के जिलों में एक जिला है इटावा जिला, यहाँ पर ट्रैफिक CO एवं लाइन आयुषी सिंह ने एक सरहनापूर्ण कदम उठया अब महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को भी ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों पर अब कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। खासतौर पर, नाबालिग लड़कियां और महिलाएं अब बाइक या स्कूटी पर बिना हेलमेट के और तीन सवारी चलने से बचें, क्योंकि नियम तोड़ने पर सीधे चालान किया जाएगा। इस पहल का नेतृत्व कर रही हैं ट्रैफिक/लाइन सीओ आयुषी सिंह, जिन्होंने स्पष्ट किया है कि अब कानून सबके लिए समान होगा और कोई स्त्री पुरुष का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
हेलमेट और तीन सवारी पर कड़ी निगरानी
इटावा के थाना फ्रेंड्स कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत आईटीआई चौराहा और थाना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत शास्त्री चौराहा पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व खुद ट्रैफिक सीओ आयुषी सिंह कर रही थीं। उनके साथ ट्रैफिक प्रभारी सूबेदार सिंह और रेलवे रोड चौकी इंचार्ज दयानंद पटेल भी उपस्थित थे। इस दौरान कई वाहनों के चालान किए गए, जिनमें बिना हेलमेट के बाइक और स्कूटी चला रही महिलाओं के भी चालान किए गए।
सीओ आयुषी सिंह ने कहा कि अब से बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अब तक केवल पुरुषों के चालान काटे जाते थे, लेकिन अब महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
जनपद में पहली बार दिखी समानता
उत्तर प्रदेश के इटावा में यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले में कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। अब तक सिर्फ पुरुष चालकों के ही चालान काटे जाते थे, जबकि महिलाओं को अक्सर छोड़ दिया जाता था। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद महिलाओं के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती थी, लेकिन अब इस नीति में बदलाव आ चुका है।
इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि जनपद के प्रत्येक थाने में एक दर्जन से अधिक महिला कांस्टेबल मौजूद हैं, लेकिन चेकिंग के दौरान वे अक्सर उपस्थित नहीं रहती थीं। इसी वजह से लड़कियों और महिलाओं के वाहन जांच को गंभीरता से नहीं लिया जाता था। अब इस रवैये को बदलते हुए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले हर व्यक्ति पर समान रूप से कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक सीओ आयुषी सिंह का सख्त संदेश
सीओ आयुषी सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके नेतृत्व में किसी भी चेकिंग पॉइंट पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। अगर कोई भी व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या महिला, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसका चालान हर हाल में किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब से नियम सभी के लिए समान होंगे और किसी को भी कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी।
यह अभियान शहर में ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लोग अक्सर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को भी इस नियम के दायरे में लाने से अब सड़क सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।
ट्रैफिक नियमों के प्रति बढ़ती जागरूकता
इस नए अभियान के बाद से शहर में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। खासकर युवा लड़कियों और महिलाओं को यह संदेश दिया जा रहा है कि उन्हें भी सड़क पर सुरक्षित यात्रा के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर देखा जाता था कि नाबालिग लड़कियां बिना हेलमेट और तीन सवारी लेकर स्कूटी या बाइक चलाती थीं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती थी।
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इटावा में ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने की इस पहल का असर अब साफ दिखने लगा है। अब किसी भी व्यक्ति को ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने की छूट नहीं मिलेगी, चाहे वह पुरुष हो या महिला। यह निर्णय सड़क सुरक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित होगा। ट्रैफिक सीओ आयुषी सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान से जनपद में यातायात नियमों का सम्मान बढ़ेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।


































