क्यों लिया मालदीव ने उड़ता तीर और भारत में होने लगा #maldivesboycott #boycottmaldives और “Uninstall #MakeMyTrip”
भारत के प्रधानमंत्री अपने देश की सीमा के अंदर आने वाले एक अत्यंत स्वक्छ द्वीप यानि लक्ष्द्वीप पर घूमने जाते है, द्वीप की मनोरम छटा के साथ स्वेत परिधान में प्रधान मंत्री जी का चित्र बहुत बढ़िया लग रहा था ये वास्तव में अच्छा लग रहा था।
मेने भी इस चित्र को देखकर सोचा की अगली बार केरल होते हुए लक्षद्वीप का टूर जरूर कर लूंगा, और मेरी ही तरह एक और व्यक्ति ने भी भाबुक होकर लिख दिया की अब लोग कोरल द्वीप से युक्त मालद्वीप नहीं जाकर लक्षद्वीप जायेगे।
जैसा की ज्यादातर जागरूक भारतीय जानते है की हमारे देश में आयातित सामानो में सबसे ज्यादा मात्रा में चाइना की वस्तुए है, और इनके कारण हमारे यहाँ के बहुत से उद्योग धंदे प्रभवित होते है, और अगर हम टूर के लिए भी किसी ऐसे देश में जायेगे जो चीन का ऋणी है तो कही न कही हम चीन को ही मजबूत कर रहे है।
अच्छा अभी हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी राष्ट्र की जनता से अनुरोध किया है की बजाये देश के बाहर आपने पैसे को व्यय करने के अपने ही देश में व्यय करके अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये।
तो अगर इन सभी को एक साथ देखे तो सबको लगा की मोदी जी पर्यटन के लिए लक्ष्यदीप को प्रोत्साहित कर रहे है, अब ये बाद तीन और किलोमीटर क्षेत्रफल और ५ लाख की आबादी वाले देश को बुरी लग लग गयी।
जबकि इस देश के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा इंडिया आउट ही था जिसके दम पर चुनाव जीते था और इनको पर्यटन के लिए भारतीय लोग चाहिए, तो आप हमारा, हामरे देश का और देश के चुने हुए प्रधानमंत्री का अपमान करो और हम तुम्हे आर्थिक रूप से मजबूत भी करे, इतने तो मुर्ख नहीं है हम।
अब जब मालदीव ने उड़ता तीर ले ही लिया है तो परिणाम भोगने पड़ेगे, भारत केपास सभी कुछ है, बस जरूरत थी जनता जो जागरूक करने की और इन संसाधनों को एक परिस्कृत रूप में दिखाने की जो मोदी जी ने कर दिया, अब देश अपना, संसाधन अपने और आत्मनिर्भरता अपनी

































