कोवीशील्ड निर्माता : एस्ट्राजेनेका
मुकदमा कहां लगाया : ब्रिटिश कोर्ट में
मुकदमा किसने लगाया : जेमी स्काट , ब्रिटिश नागरिक व अन्य
कंपनी ने कब एफिडेविट दिया : फरवरी 2024
भारत में कब न्यूज चली : अप्रैल 2024
1) एस्ट्राजेनेका ने लंदन रॉयल कोर्ट के समक्ष दायर लीगल डॉक्यूमेंट में कहा है कि यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर उन्होंने कोवीसील्ड तैयार की गई है उस कोरोना वैक्सीन से अत्यंत दुर्लभ स्थितियों में साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं यानि एक लाख में सिर्फ 7 लोगो को । ये साइड इफेक्ट्स थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे हो सकते हैं। लेकिन ये वास्तव में बहुत ही ज्यादा दुर्लभ हैं।
2) कोवीसील्ड की निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट को बताया कि लेकिन ये भी जान लेना भी जरूरी है कि कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने की स्थिति में भी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है। ऐसे में ये कहना कि केवल कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद लोग इस सिंड्रोम से जूझ रहे हैं, ये बात सही नहीं है।
3) एस्ट्राजेनेका कंपनी का ये भी कहना है कि बहुत सी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष स्टडीज में इस कोवीसील्ड वैक्सीन को कोरोना महामारी से निपटने में बेहद कारगर बताया गया है। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इन स्टडीज पर गौर करना जरूरी है।
4) एस्ट्राजेनेका कंपनी का मानना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स बेहद दुर्लभ हैं। कंपनी ने कहा कि मरीज की सुरक्षा हमारी सर्वोपरि प्राथमिकता है. हमारी दवाएं उचित मानकों पर खरी उतरी हैं और हमने वैक्सीन सहित सभी दवाओं का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित किया है।
5) एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल और दुनियाभर में इसकी स्वीकार्यता से पता चलता है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रोग्राम से लाभ हुआ है, जो वैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स के जोखिम को कम करता है।
6) एस्ट्राजेनेका कंपनी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन की मदद से दुनियाभर में 60 लाख लोगों की जिंदगियां बचाई गई हैं।
7) एस्ट्राजेनेका का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद कई तरह की समस्याओं का दावा कर रहे लोगों की स्थिति से वे चिंतित हैं। लेकिन हम अभी भी अपने इस दावे पर कायम हैं कि इसके दुष्प्रभाव अति से अति दुर्लभ मामलों में ही सामने आ सकते है…
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव हो रहा है. ऐसे मे विदेशी मीडिया से ये खबर प्लांट की जाती है कि covishield vaccine लेने वालों की खून का थक्का ज़मने, हार्ट अटैक से मौत हो रही है. ऐसा साइड इफेक्ट करोड़ों मे से किसी एक दो लोगों मे देखने को मिला है. ऐसा साइड इफेक्ट बहुत दुर्लभ स्थिति मे देखने को मिला है. यही बात covishield बनाने वाली एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कोर्ट में बताई है.
लेकिन भारत मे रहने वाले देशद्रोही प्रवत्ति के लोग इस खबर का इस प्रकार दुष्प्रचार कर रहे हैं कि covishield लेने वाले हर व्यक्ति की मृत्यु हार्ट अटैक से हो रही है. कांग्रेसी पीडिज तो इसको मोदी सरकार से जोड़ कर राजनैतिक लाभ लेने मे लगे हैं.
कॉमन सेंस की बात है..
अगर vaccine खराब है; इसको लेने से लोग मर रहे हैं तो अब तक तो आधी दुनिया हार्ट अटैक से मर चुकी होती.
250 करोड़ डोज से ज्यादा डोज तो अकेले भारत मे भी लगे हैं. कितने करोड़ लोग खून का थक्का ज़मने या हार्ट अटैक से मर गए ??
साइड इफेक्ट हर दवाई का होता है, नॉर्मल बुखार जुकाम खांसी की दवाई का भी लेकिन ये अत्यंत दुर्लभ होता है.
निश्चिंत रहें, घबराने जैसी कोई बात नहीं है ये बस भारत की तरक्की से अपनी मानसिकता खोने वाले और कांग्रेसियों-लिब्रान्डुओ द्वारा फैलाया जा रहा प्रोपेगेंडा है.
हम भारत सरकार एवं विश्व के बड़े बड़े संगठनों से मांग करते है की इस तरह की जो भी भ्रामक खबरे फैला रहे है चाहे मिडिया हो, चाहे कोई भी पार्टी से नेता हो या कार्यकर्ता हो या उनका चमचा हो सब पर सख्ती से कार्यवाही की जाय एवं लाखो की संख्या में दंड वसूला जाए , ताकि दुबारा ऐसी हरकते करने से बचे और जनता को एक मानसिक रोगी होने से बचाये
			





















		    











